रायपुर : राज्यपाल
श्री रमेन डेका ने आज प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियोें की बैठक
लेकर विश्वविद्यालयों के कामकाज की समीक्षा की। राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि
सभी विश्वविद्यालय सत्र के प्रारंभ से अपना शैक्षणिक कैलेण्डर बनाएं और उसका कड़ाई
से पालन करें और शिक्षा की गुणवत्ता और अधिक सुधारने की दिशा मेें कार्य करें।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याएं जानें और उसे दूर करने के प्रयास करें।
राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आज आयोजित
बैठक में राज्यपाल श्री डेका ने विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की। श्री डेका ने कहा
कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के कार्य
संचालन में कई समस्याएं आती हैं उनके निराकरण के लिए नियमित प्रयास करें। उन्होंने
प्राध्यापकों की कक्षाओं में नियमित उपस्थिति पर जोर दिया ताकि विद्यार्थी कक्षा
में आएं। उन्होंने ग्रंथालयों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिएं जिससे
विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग कर, पुस्तकों से ज्ञान
प्राप्त करें।
राज्यपाल ने डिजिटलीकरण पर बल देते हुए
कहा कि विद्यार्थियों को अंक सूची व अन्य प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया
जाये। उन्होंने महाविद्यालयों में प्रवेश नीति का सही तरीके से पालन करने के
निर्देश दिए। प्राध्यापकों की नियमित बैठक करें और अध्ययन-अध्यपन में आने वाली
दिक्कतों की जानकारी लें तथा जो कमियां है उसे दूर करें। महिला कर्मियों की
समस्याओं पर भी विशेष ध्यान दें। शिक्षकों का रिफ्रेशर कोर्स भी नियमित रूप से
कराएं। विश्वविद्यालयों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिये। परीक्षाएं
सही ढं़ंग से आयोजित की जाएं। ताकि इसमें गड़बड़ी ना हो। विद्यार्थियों के प्लेसमेंट
के लिए उद्योगों से समन्वय करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने आयुष विश्वविद्यालय में
टी.बी. और कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम हेतु अनुसंधान करने पर विशेष बल दिया।
कृषि विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि ज्यादा उत्पादन देने वाले धान की किस्म
राज्य में लाएं तथा कृषि विकास केंद्रों के जरिये कैम्प लगाकर किसानांे को बताएं
कि वे किस किस्म की फसल लगा सकते हैं। उन्हें पारंपरिक फसल के स्थान पर लाभप्रद
फसल के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को किसानों को फसल
बीमा, क्रेडिट कार्ड आदि की
सुविधा नियमित रूप से उपलब्ध कराने एवं उनके खेतों की मिट्टी का समय-समय पर
परीक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, विशेष
कर व्यवसायिक और तकनीकी विश्वविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को
स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालयों एवं
महाविद्यालय परिसरों में साफ-सफाई और अनुशासन पर भी विशेष ध्यान दिया जाये।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में लंबे समय से ऑडिट नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की
और 6 माह के भीतर ऑडिट कराने के निर्देश दिये।
बैठक के प्रारंभ में राज्यपाल के सचिव
श्री यशवंत कुमार ने समीक्षा बैठक के मुख्य बिन्दुओं की जानकारी दी। विभिन्न
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बारी-बारी से प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, उच्च
शिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर, राजभवन की संयुक्त
सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति
उपस्थित थे।