दोस्तो, किसी भी मांगलिक कार्य के अवसर पर डीजे
बजाना जरूर चाहिए लेकिन शासन
के द्वारा बनाये गएध्वनि विस्तारक कानून के दायरे के तहत, ध्वनि
मापक यंत्र यानी डिसएबल पावर मीटर की मात्रा का अनुसरण किये जाना चाहिए।आपको मैं यह
बता देना चाहता हूं कि डीजे की ध्वनि इतनी तीव्र होती है। कि आसपास रहने वाले जीव जंतु
सहित मानव मस्तिष्क पर भी इसका ध्वनि संक्रामक दुष्प्रभाव पड़ता है। पिछले दिनों सरगुजा
संभाग में ऐसा ही मामला देखने को आया है। डी जे के ध्वनि संक्रमण याने डीजे के साउंड
को सहन नही किये जाने के कारण उस युवक के मस्तिष्क का नस फट गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों
को भी समझ नही आ रहा था की ऐसे कैसे हो गया? ना ही उस युवक को
उच्च रक्तचाप था? न ही उसके रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ी हुई
थी यानी की ना ही उसे ब्लड प्रेशर था ना ही उसे शुगर था? लेकिन
अचानक ब्रेन हेमरेज की स्थिति कैसी आई। यह बात एम आर आई टेस्ट करने के बाद पता चला
कि डी जे अत्यधिक ध्वनि प्रबलता के कारण उसके मस्तिष्क का नस फट जाने के कारण दिमाग
में रक्त का थक्का जाम होने का पता चला। जिसके कारण उसके मस्तिष्क में काम करना बंद
कर दिया यानी कोमा की स्थिति आ गई।
वहीं जिला
प्रशासन ,पुलिस प्रशासन व राज्य शासन ने मामले की गंभीरता व डी जे के साउंड पर प्रतिबंध
लगाने का फरमान जारी कर दिया है। वहीं अब डीजे साउंड सर्विस के संचालकों के सामने रोजी-रोटी
की समस्या खड़ी हो गई है। वही हाल धुमाल पार्टी वालों की है जबकि पूर्व में भी शासन
प्रशासन द्वारा डीजे साउंड सर्विस व धुमाल पार्टी वालों को पहले भी हिदायत दिया गया
था, कि वह संतुलित ध्वनि में ही डीजे बजाए। लेकिन उन्होंने शासन
प्रशासन के नियम को दरकिनार करते हुए अपना मनमाना रवैया जारी रखा। जबकि शासन प्रशासन
के नियमों का उल्लंघन करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। उन्हें क्या मतलब कि उसके
साउंड ध्वनि के कारण किसी को क्या नुकसान होता है। बस मस्ती ही मस्ती मौज ही मौज पैसा
ही पैसा अब तो समझ जाना चाहिए इन्हें की खुद धमाल वाले डीजे वाले डीजे बजाने के समय
अपने कान में रुई का टुकडा ठोस लेते हैं ताकि डीजे के साउंड के प्रभाव से वे मुक्त
रहे। लेकिन कार्यक्रम के आयोजन कर्ता कोई शराब के नशे में
कोई और नशे में मदमस्त होकर नाचने व मजा लेते जाते हैं। जिसका दुष्प्रभाव उन्हें तो
पड़ता ही है लेकिन डीजे साउंड व धमाल पार्टी जिन जिन रास्तों से होकर गुजरता है उन
रास्तों पर हॉस्पिटल, स्कूल व आवासीय क्षेत्र भी आता है। कई बीमार
,बच्चों व विद्यार्थी व वृद्धजनो को तकलीफ उठानी पड़ती है।
इस बात का
डीजे साउंड सर्विस व धुमाल पार्टी वाले जरा भी ख्याल नहीं रखते। मैं शासन प्रशासन को
इस मसले को लेकर उठाये गए गंभीरता पूर्वक पहल के लिए बधाई के पात्र व साधुवाद देता हूं।
वे इस तरह प्रतिबंध लगाने की दिशा में स्वर्णिम पहल किए हैं। वहीं यह भी निवेदन करता
हूं कि इन डीजे संचालकों व धुमाल पार्टी वालों को ध्वनि मापक नियत्रक के तहत एक निश्चित
जिससे डिसएबल पावरमीटर के तहत बजाने की अनुमति दें ताकि इनकी रोजी-रोटी भी बरकरार रहे
और लोगों को आनंद भी आए। और आयोजनकर्ता अपने मांगलिक कार्य को पूर्ण कर सके। क्योंकि
डीजे साउंड सर्विस व धुमाल पार्टी वाले बैंक अथवा अन्य लोगों से ऊंचे ब्याज दरों पर
रकम लेकर अपना व्यापार करते हैं। अगर समय पर पैसा नही पटा पाने की दशा में इन्हे गंभीर
आर्थिक क्षति हो सकती है। इसलिए शासन, प्रशासन व राज्य शासन को
सभी पहलुओं को देखते हुए संवेदनशीलता के तहत कदम उठाए ताकि साप भी मर जाये और लाठी
भी न टूटे।