महेश गोयन
प्रधान संपादक
चिरमिरी जन्नत। यूं तो कोयले की
खान कहे जाने वाला चिरमिरी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। कुछ संगठनों ने
आवाज भी उठाई चिरमिरी के हित मे और कई दिनों तक जंग भी लड़ा गया लेकिन हाथ कुछ भी
न आया सिवाए झुनझुने के झुनझुने का सीधा संबंध है जिले के नाम पर छल किया गया
चिरमिरी वासियों के साथ जिले मे सामिल तो किया गया लेकिन प्राथमिकता नही दी गई खैर
ये तो राजनीतिक पहलू है सब अपनी अपनी रोटियां सेंक रहे हैं|
इन सब से हट कर बात करें तो
चिरमिरी एक बहुत ही शांति प्रिय और खूबसूरत शहर है जहां हर जाति धर्म भाषा हर वर्ग
के लोग आपको मिल जाएंगे यहां कि सबसे बड़ी समस्या जो है वो है बेरोजगारी क्योंकि
यहां रोजगार के अवसर न के बराबर है इसलिए यहां के लोग ज्यादातर पलायन कर अन्य
स्थानों मे रोजी रोटी के चलते जा बसे हैं जो बच गए हैं जैसे तैसे अपना गुजारा कर
रहे हैं यही मुख्य कारण है जिसके चलते यहां के लोगों ने चिरमिरी को मुख्यालय बनाए
जाने की मांग की थी जो की नही हो पाया और आज भी स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है|
अब रहा सवाल युवाओं का तो करें
तो क्या क्योंकि हर कोई घर परिवार छोड़ कर बाहर कमाने तो नही जा सकता ऐसी स्थिति
मे जो सामने मिल रहा है उस पर अपना गुजारा कर रहा है मेहनत मजदूरी कर दो चार पैसे
कमा कर खुद को ठगा महसूस करते युवा आज नशे की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि असंतुष्ट और
परेशान इंसान आसानी से नशे की गिरफ्त आ जाता है जिसका लाभ उठा रहे हैं ये नशे के
सौदागर जिन्होंने चिरमिरी को अपना गढ़ बना लिया है क्योंकि चिरमिरी मे रोजगार की
तो गारंटी नही है लेकिन गांजा, जुआ सट्टा, कबाड़ी, देशी शराब
व अन्य अवैध कारोबार भरपूर मात्रा मे आपको आसानी से मिल जाएगा बिना किसी रोक टोक
के|
वो कहावत तो सुने ही होंगे आप
सभी साइयां भय कोतवाल तो डर काहे का जी हां यहां के कुछ पुलिस कर्मियों और
जनप्रतिनिधियों को इन सब अवैध कामों से कमीशन के रूप मे मोटी रकम जो मिलती है
सरकार चाहे किसी की भी हो सबकी निगाहें इन पर ही टिकी रहती है तभी तो इन अवैध
कारोबारियों पर कोई रोक नही लगाया जाता है इन्हे संरक्षण प्राप्त है बेधड़क गांजा
बेचने की सट्टा खिलाने की जितने भी दो नंबर के काम है सब करने की तभी तो कमीशन
खोरों को उनकी कमीशन ज्यादा से ज्यादा मिलेगी।
इन सब के बीच मे झुझता है सिर्फ
और सिर्फ उसका परिवार जिस घर का युवा या कोई भी सदस्य गांजा जैसे नशे का आदि हो
जाता है क्योंकि गांजा चिरमिरी मे खुलेआम बिक रहा है जिसे युवा मजे के लिए या खुद को अवसाद से बचाने के
लिए इसकी चपेट मे आ जाता है और धीरे धीरे इस नशे का आदि बन जाता है और जाने अनजाने
सब कुछ बर्बाद कर बैठता है यदि इस नशे की बिक्री पर रोक लगाया जाएगा तो कई युवाओं
का भविष्य अंधकार से बच सकता है मैं अपील करना चाहूंगा चिरमिरी के जनप्रतिनिधियों
को इस ओर ध्यान देना चाहिए पैसे कमाने के कई और भी रास्ते हैं। आप उनसे अपनी आमदनी
करने का जुगाड़ बनाएं हो सके तो किसी का परिवार बिखरने से बचाएं।