बीजापुर : कांग्रेस
ने आज बीजापुर में पत्रवार्ता आयोजित कर बलौदाबाजार की घटना को भाजपा सरकार की
नाकामी बताते हुए कहा कि सरकार चाहती तो बलौदाबाजर की घटना होती ही नहीं। बीजापुर
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि बलौदाबाजार के मामले में भाजपा की साय सरकार अपनी
नाकामी और पूरे देश में हुई बदनामी को छुपाने विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही
है। भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को
दर्शाता है। यह विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। विधायक देवेन्द्र यादव
बलौदाबाजार में न भाषण दिये और न ही कलेक्टर ऑफिस प्रदर्शन में शामिल हुये। वे भीड़
में पांच मिनिट रूक कर वापस आ गये थे। कही भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता
का कोई भी साक्ष्य नहीं और न ही वे किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे। पुलिस ने
उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है।
विधायक विक्रम
मंडावी ने भाजपा सरकार से पुछा कि सरकार,
पुलिस बताये किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, किन
किन भाजपा नेताओं की पूछताछ की गयी। न्याय संगत कार्यवाही होनी चाहिये। लेकिन ऐसा
नहीं हो रहा, भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार 8 माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण बस्तर के चार होनहार वरिष्ठ पत्रकारों को गलत तरीके से
फंसाने की नियत से उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है। विपक्ष के विधायक को झूठे
मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया। बलौदाबाजार के मामले में सतनामी समाज और
कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उनको जेलों में डाला गया।कांग्रेस, भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं।
इस प्रकार के कृत्यों से कांग्रेस कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ
जनता की आवाज उठायेगा। विधायक मंडावी ने आगे कहा कि बलौदाबाजार में हुई आगजनी की
भयावह घटना शासन प्रशासन की बड़ी लापरवाही व सरकार की इंटेलीजेंट के फैल हो जाने के
कारण हुई। समय रहते सरकार व प्रशासन सचेत हो जाता व समाज के द्वारा सीबीआई जांच की
मांग को पूर्व में ही मान लेता तो प्रदेश को शर्मसार करने वाली घटना से बचा जा
सकता था। इस पूरी घटना के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है। लचर कानून व्यवस्था
और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में
असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया, जिसके लिए प्रदेश
की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है।
विधायक मंडावी ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि साय सरकार की
अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि समय रहते
जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद
किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने
पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं
होती। उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े
सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो।
विधायक भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार से सवाल करते हुए कहा कि धरना
प्रदर्शन को कलेक्टर से परमीशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के
लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रूपयों की व्यवस्था किसने किया? इतनी
बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे?
सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? रैली
की शुरूआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों
जाने दिया गया? भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई?
आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे, लोगों को
दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी? एसपी किसके इशारे
पर शांत बैठे हुये थे? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर
गये? प्रेस वार्ता में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता
उपस्थित रहे।