रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद
शुक्ला ने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में
जनता एक बार फिर से कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया
से होने वाली मौत की त्रासदी झेलने मजबूर है। अस्पतालों में दवाई नहीं है, सामान्य जांच बंद हो गई, लोग इलाज के लिये भटक रहे
है। मेडिकेट मच्छरदानियों का वितरण केवल कागजों पर है। मच्छरदानी पर भी भ्रष्टाचार
कर रहे है। गांव के गांव मलेरिया प्रभावित है। मच्छरदानी का वितरण नहीं किया जा
रहा है। स्वास्थ्य मंत्री जी को बताना चाहिए कि हाट बाजार क्लिनिक पूर्ववर्ती
कांग्रेस सरकार ने चालू किए थे वो क्यों बंद कर दिये गये हैं? सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य सुधार लगभग ठप्प हो चुका है।
प्रदेश
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 7 माह में ही भाजपा सरकार
छत्तीसगढ़ की जनता पर त्रासदी साबित हो रही है। प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि
क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है। आदिवासी क्षेत्रों में लगातार मलेरिया,
डायरिया से मौतें हो रही है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य
केंद्रों में दो सगे भाईयो की मौत हो गयी, बीजापुर के
पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी
एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है। जशपुर में दो बच्चों की मौत,
कवर्धा के चिल्फी में संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की
मौत हो गई। बिलासपुर जिला में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद
जिला के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा, गोना क्षेत्र में मलेरिया
का कहर जारी है एक बच्ची की मौत हो गयी।
प्रदेश
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2018 में जब भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस
समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था जो 5
साल के कांग्रेस सरकार के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के
बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह
गई थी। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद साय सरकार की
लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते 7 माह में प्रदेश में
मलेरिया संक्रमण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगा है। कांग्रेस सरकार में हाट बाजार
क्लिनिक और मेडिकेटेड मच्छरदानियों के वितरण से बस्तर, सरगुजा,
कवर्धा, जशपुर के आदिवासी अंचलों से मलेरिया
और डायरिया से लोगों की मौतों में विराम लगा था। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं
की स्थिति भयावह हो गयी है वनांचल में ही नहीं शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं लोग
मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारी से मर रहे है।