रायपुर : अयोध्या धाम में पवित्र राम जन्मभूमि में श्री रामलला के दर्शन के लिए जैसे
ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट के सहयोगी पहुंचे। पूरे मंदिर
परिसर में नारा गूंज उठा। छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय श्री राम, जय श्री
राम। इस तरह पूरा परिसर राम भक्ति के माहौल में,
ननिहाल से आए भक्तों की स्नेह सिक्त वाणी से गुंजायमान हो गया। जिस
तरह माता शबरी की शिवरीनारायण में भगवान श्री राम के पुण्य दर्शन की इच्छा पूरी
हुई थी। वही साध ननिहाल के हर राम भक्त को होती है। उसी तरह मुख्यमंत्री श्री
विष्णु देव साय और उनकी कैबिनेट की भी रामलला के दर्शन की इच्छा आज पूरी हो गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सहित उनके कैबिनेट के सदस्यों ने आज अयोध्या धाम
पहुंचकर श्रीरामलला के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भाँचा राम के ननिहाल
का उपहार भी प्रभु के चरणों में अर्पित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ से शबरी माता की
भूमि शिवरीनारायण से बेर तथा पवित्र जल, विष्णु भोग का चावल,
अनारसा, करी लड्डू तथा कोसे के वस्त्र प्रभु
को अर्पित किए।
मुख्यमंत्री श्री
साय ने इस अवसर पर प्रभु श्री राम से छत्तीसगढ़ के लोगों की सुख समृद्धि की कामना
की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग पूरी कैबिनेट के साथ श्री रामलला के
दर्शन के लिए आज अयोध्या धाम आए। भगवान श्रीराम हमारे छत्तीसगढ़ के भांजे हैं।
भांचा राम के दर्शन के लिए हम लोग बहुत उत्सुक थे। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से
वो शुभ घड़ी आ गई है जब हम लोगों को अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन का सौभाग्य
मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने
अयोध्या धाम जाने का निर्णय लिया तो सोचा कि जब अपने भांजे के दर्शन के लिए जाएंगे
तो उनके लिए ननिहाल की तरफ से क्या उपहार लेकर जाएं। फिर विचार आया कि इससे अच्छा
उपहार भगवान श्रीराम के लिए क्या हो सकता है कि हम उस पवित्र भूमि शिवरीनारायण से
बेर ले जाकर भगवान को भेंट करें, जहां के
बेर खुद माता शबरी ने प्रभु श्रीराम को अपने हाथों से खिलाये थे।मुख्यमंत्री ने
कहा कि उन जूठे बेरों का स्मरण हमेशा के लिए लोक स्मृति में दर्ज हो गया है। माता
शबरी की इस धरती से भगवान श्रीराम के लिए यह उपहार ले जाने का हमें सौभाग्य मिला
इससे बढ़कर हमें क्या चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़
जनजातीय प्रदेश है। यहां माता शबरी और अनेक जनजातीय विभूतियों ने भगवान श्रीराम का
स्वागत किया है। हमारी यह धरती धन्य
है। यह अद्भुत संयोग है कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल भी है और यह उनके वन
गमन पथ का हिस्सा भी है। रामकथा से जुड़े विद्वान बताते हैं कि श्रीराम ने अपने
वनवास के चौदह वर्षों में दस वर्ष यहीं गुजारे।
उन्होंने रामायण के प्रसंगों से भी
अपनी बात बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण के प्रसंग जनजातीय लोगों से श्रीराम के अद्भुत स्नेह तथा प्रभु
श्रीराम के जनजातीय लोगों से अपार प्रेम की कहानी कहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा
सौभाग्य है कि प्रदेश के मुखिया के रूप में अयोध्या पहुंच कर छत्तीसगढ़ के लोगों
के अपने आराध्य के प्रति अगाध स्नेह और भक्ति व्यक्त करने का माध्यम बना हूँ। रामलला
के दर्शनों से अभिभूत मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम ने हमें रामराज्य का आदर्श
दिया है। छत्तीसगढ़ में रामराज्य के आदर्श को लेकर हम चल रहे हैं। श्रीरामलला का
दर्शन कर हमने प्रभु से अपने प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या धाम
श्रीरामलला दर्शन योजना के माध्यम से हमारे प्रदेश के बहुत से श्रद्धालु
श्रीरामलला के दर्शन का पुण्य लाभ ले चुके हैं। उन सबसे श्रीरामलला के भव्य मंदिर
और उनकी मंजुल मूर्ति की प्रशंसा सुनकर मन बहुत प्रसन्न होता था। आज हमें भी
रामलला के दर्शन का सौभाग्य मिल गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के कैबिनेट
के सहयोगी उपमुख्यमंत्री श्री
अरुण साव, श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, वन मंत्री श्री
केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त
मंत्री श्री ओपी चौधरी, श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन,
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा भी मौजूद रहे। इसके साथ ही श्री किरण देव,
श्री अजय जामवाल एवं श्री पवन साय भी मौजूद रहे।