रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी के पेपर लीक मामले में पूरी परीक्षा ही रद्द कर दिए जाने पर इसे सर्कस सरकार का एक नया हैरतअंगेज करतब बताते हुए कहा है कि ऐसा पहले कभी देखा न सुना कि एक पर्चा लीक हो जाने पर पूरी परीक्षा ही निरस्त कर दी गई। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को तक मजाक बनाकर रख दिया है। पहली बात तो यह है कि शिक्षा का स्तर रसातल में चला गया। राज्य में पहले से चल रहे स्कूल बंद कर बिना बजट, बिना भवन के आत्मानंद स्कूल खोल डाले। मुख्यमंत्री का सारा ध्यान इन्हीं स्कूलों के नाम पर झूठा नाम चमकाने पर केंद्रित है। राज्य के चरमरा चुके शिक्षा ढांचे और बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तरफ इनका कोई ध्यान नहीं है। शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार की दीमक चट कर रही है। एक प्रश्नपत्र लीक होने पर पूरी परीक्षा रद्द करने की तुग़लकशाही से बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। राज्य में तमाम घोटालेबाजी के साथ साथ शिक्षा घोटाला भी फूट गया है।पूरी परीक्षा को निरस्त करने के निर्णय से मंडल को लाखो रु के नुकसान की आशंका है।कहीं इसके पीछे भी तो कमीशन का कोई खेल नहीं है ?? प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी तरह की व्यवस्थाओं के साथ ही शिक्षा व्यवस्था भी दम तोड़ चुकी है। जिस राज्य के शिक्षा मंत्री विद्यार्थियों को शराब सेवन के गुर सिखाएं, उस राज्य के बच्चों का भविष्य कैसा होगा, इसकी भयावह कल्पना ही झकझोर रही है लेकिन शिक्षा माफिया की संरक्षक सरकार को भावी पीढ़ी के भविष्य से कोई सरोकार नहीं है। रही सही कसर शिक्षा विभाग के कर्णधार पूरी कर रहे हैं। इन्होंने व्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। ऐसे ऐसे प्रयोग कर रहे हैं कि मेल के जरिये पेपर भेजे जा रहे हैं। मेल देखकर शिक्षकों को प्रश्न पत्र ब्लैक बोर्ड पर लिखना है और बच्चों को उन प्रश्नों में उलझने के बाद उत्तर देना है! यह क्या तमाशा है। परीक्षा लेने वाले शिक्षक परेशान और परीक्षा देने वाले बच्चे भी परेशान। यह इस सरकार का अद्भुत नवाचार है। इस पर भी हद यह कि पर्चे लीक होने की शुरुआत हुई और एक पर्चा लीक होने पर पूरी परीक्षा ही ठप कर दी गई। जबकि वह एक पर्चा बाद में भी लिया जा सकता था। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली व्यवस्था ने छत्तीसगढ़ की शिक्षा का कबाड़ा कर दिया है।