July 07, 2024


भगवान हुए स्वस्थ, 15 दिन बाद खोले नैन, आज प्रजा को दर्शन देने नए रथ पर निकलेंगे महाप्रभु जगन्‍नाथ, सीएम साय होंगे शामिल

रायपुर। राजधानी के 10 से अधिक जगन्नाथ मंदिरों के पट पिछले 15 दिनों से बंद थे। 22 जून को पूर्णिमा तिथि पर भगवान को स्नान कराने की परंपरा निभाई गई थी। इसके पश्चात भगवान अस्वस्थ हो गए थे। भगवान को स्वस्थ करने औषधियुक्त काढ़ा का भाेग अर्पित करने की रस्म निभाई जा रही थी।

आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 6 जुलाई शनिवार को भगवान स्वस्थ हो गए। मंदिरों में भगवान के श्रीविग्रह के नैनों पर चांदी के नैन लगाकर भगवान के नैन खोलने की परंपरा निभाई गई। भगवान के नेत्र खुलते ही जयकारों के साथ पूजा करके चना, मूंग का भोग अर्पित कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

भगवान के नैन खोलने की निभाई गई रस्म

गायत्री नगर स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में संस्थापक पुरंदर मिश्रा के सान्निध्य में भगवान के नैन खोलने की रस्म निभाई गई। 15 दिनों बाद मंदिर के पट खुलते ही दर्शन करने के लिए भक्त उमड़ पड़े। पूजन, आरती करके परिवार के सभी सदस्यों को स्वस्थ रखने की प्रार्थना की। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के श्रीविग्रह का श्रृंगार, पूजन करके हवन में आहुति दी जाएगी। मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य, जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में आरती के पश्चात सुबह 11 बजे रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा के आगे मुख्यमंत्री छेरापहरा रस्म यानी सोने के झाड़ू से बुहारने की रस्म निभाकर रथयात्रा को रवाना करेंगे।

टुरी हटरी के 500 साल प्राचीन मंदिर से यात्रा

टुरी हटरी स्थित 500 साल प्राचीन मंदिर के पुजारी पं. तिलकदास ने बताया कि दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदरदास के सान्निध्य में 7 जुलाई को सुबह श्रृंगार, आरती, हवन किया जाएगा। दोपहर 1 बजे रथयात्रा निकाली जाएगी। इस साल भगवान को विराजित करने नया रथ बनाया गया है।

लगभग 15 सालों बाद रथयात्रा के रूट में परिवर्तन किया गया है। यात्रा पुरानी बस्ती से निकलकर कंकालीपारा, सत्ती बाजार, सदरबाजार, मालवीय रोड, जयस्तंभ चौक, तात्यापारा, आमापारा, लाखेनगर से निकलेगी। भगवान जगन्नाथ को लोहार चौक के समीप गुंडिचा मंदिर में 10 दिनों के लिए विराजित किया जाएगा।

मुख्य मार्गों पर अनेक रथ का दर्शन करने उमड़ेंगे श्रद्धालु

गायत्री नगर से निकलने वाली रथयात्रा बीटीआइ मैदान से होकर वापस मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान को मंदिर के नीचे विराजित किया जाएगा। सबसे पुरानी ऐतिहासिक यात्रा टुरी हटरी स्थित मंदिर से निकलकर मुख्य मार्गों से होते हुए लाखेनगर पहुंचेगी। तीसरी प्रसिद्ध रथयात्रा सदरबाजार स्थित मंदिर से निकलकर कोतवाली चौक, कालीबाड़ी, पुलिस लाइन होते हुए टिकरापारा में पुजारी पार्क के समीप पहुंचेगी।

10 से अधिक रथयात्रा

तीन प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा आमापारा, अश्विनी नगर, गुढ़ियारी, कोटा, पुराना मंत्रालय, लिली चौक, आकाशवाणी कालोनी से रथयात्रा निकाली जाएगी। रविवार को अवकाश होने और मुख्य बाजार बंद होने के कारण मुख्य मार्गों से भी यात्रा निकलेगी। हजारों श्रद्धालु भगवान का दर्शन करने उमड़ेंगे।


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