रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून की
बौछारों के साथ खेती-किसानी का काम शुरू हो गया है। हाल ही में केन्द्र सरकार के
द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को किसान सम्मान निधि मिलने और धान का समर्थन मूल्य
में वृद्धि से किसानों में नया उत्साह दिख रहा है। किसान गांव में खेतों की जोताई-बुआई
आदि के कार्यों में जुट गए हैं। राज्य की कुछ हिस्सों में बोनी का काम भी शुरू हो
गया है। चालू खरीफ वर्ष में 48.63 लाख
हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने
अपने अपने सरकार के 06 माह पूर्ण होने के
बाद कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के किसानों को सुगमता से उनके मांग के
अनुरूप किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करने के
निर्देश दिए हैं। सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज भण्डारण करने को कहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 23.59
लाख से अधिक किसानों को उनके बैंक खातें में 483.85 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। इससे किसानों में खुशी और उत्साह का वातावरण
दिख रहा है। किसानों के उत्साह उस समय दुगुना हो गया जब केन्द्र सरकार ने चालू
खरीफ सीजन में धान का समर्थन मूल्य 117 रूपये प्रति क्विंटल
बढ़ाने का का निर्णय लिया।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया
कि इस वर्ष खरीफ 2024 के लिए प्रदेश में 9.78
लाख क्विटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से 7.46
लाख क्विटल बीज का भंडारण कर अब तक 4.64 लाख
क्विटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। जो मांग का 47 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2023 में प्रदेश में कुल
9.43 लाख क्विटल प्रमाणित बीज वितरण किया गया था। इसी प्रकार
प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 13.68 लाख मेट्रिक टन उर्वरक का
लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 11.23 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया
गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 6.22 लाख मेट्रिक टन
उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है। जो लक्ष्य का 46 प्रतिशत है। जबकि गत् वर्ष खरीफ 2023 में कुल 13.41
लाख मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की
औसत वार्षिक वर्षा 1232.7 मि.मी. है। 18
जून 2024 की स्थिति में राज्य में औसत वर्षा 27.2
मि.मी. दर्ज की गई है जो इसी अवधि की 10 वर्षों
की तुलनात्मक दृष्टिकोण से औसत वर्षा 68.4 मि.मी. से 41.2
मि.मी. कम है। गतवर्ष इसी अवधि में 3.3 मि.
मी. वर्षा दर्ज की गई थी।