भोपाल : मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल नीतियों
और वातावरण के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी स्वागत व अभिनंदन का भाव रहेगा। प्रदेश
में सकारात्मक सोच के साथ औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के समन्वित प्रयास किए जा
रहे हैं। ग्वालियर आरआईसी में 8 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 35
हजार से अधिक रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने इस अवसर पर 1586 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 47
नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया।
यह कॉन्क्लेव विरासत, इतिहास और उद्योग की थीम पर केन्द्रित
है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीजनल कॉन्क्लेव मात्र कहने के लिये रीजनल हैं,
हकीकत में यह कॉन्क्लेव राज्य स्तरीय है। इन औद्योगिक इकाइयों के
प्रांरभ होने से स्पंदन पूरे प्रदेश में होना है। मंच पर 5 औद्योगिक
इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए गए। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल जिले के 8
जिला स्तरीय इंडस्ट्री फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया गया। ये
केन्द्र ग्वालियर, मुरैना, भिंड,
श्योपुर, शिवपुरी, दतिया,
गुना और अशोकनगर में आज से ही प्रांरभ हो गए हैं। कॉन्क्लेव में
मेक्सिको, जाम्बिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में निजी क्षेत्र में बड़ा चिकित्सालय भी खोला जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव के आयोजन के पीछे यह भाव भी है कि
उद्योगपति प्रदेश की विशेषताओं को आकर स्वयं देखें और मध्यप्रदेश में उद्योग
स्थापना का निर्णय लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री
कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य
अतिथियों के साथ इस वर्ष की तृतीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का ग्वालियर में दीप
प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि
विश्वविद्यालय परिसर में राजमाता श्रीमती विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर
पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के उद्योग विकास की संभावनाओं पर केन्द्रित
प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
अनुकूलता से उद्यमशीलता का विकास और तीव्र गति से संभव है। उद्योग और निवेश की
दृष्टि से ग्वालियर प्रमुख केंद्र रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य
सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को मुआवजा राशि दिलवाने का कार्य किया
गया है। यह कार्य अनेक वर्ष से लंबित था। रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की समस्याएं भी
हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अन्य मामलों के लिए जरूरी निर्णय लिए
जाएंगे। जे.सी. मिल ग्वालियर की समस्या भी हुकुमचंद मिल की तर्ज पर हल की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें सुशासन कर्म और धर्म के लिए
कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर चिकित्सा और
हेल्थ सेक्टर में ग्वालियर में एक निजी क्षेत्र का बड़ा अस्पताल प्रारंभ करने की
घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क खोले जाने की घोषणा की। इसमें गुना के चेनपुरा में 333
हेक्टेयर, ग्वालियर जिले के मोहना में 210
हेक्टेयर, मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर
में औद्योगिक पार्क विकसित किये जायेंगे। साथ ही मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र
सीतापुर में पुलिस चौकी और औद्योगिक क्षेत्र बामोर में फायर स्टेशन की स्थापना की
जायेगी।
केन्द्रीय संचार और पूर्वोत्तर
क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव
ने ग्वालियर में उद्योग की अलख जगाने का कार्य किया है। इस अंचल के प्रत्येक
नागरिक के दिल में उन्होंने स्थान बना लिया है। ग्वालियर अंचल में अधोसंरचना और
निवेश की शुरुआत वर्षों पहले की गई। वर्तमान में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश
की क्षमताओं के अनुकूल प्रदेश को राष्ट्रीय पटल पर लाने का कार्य किया है। रीजनल
इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की पहल करने वाले वे पहले मुख्यमंत्री हैं। श्री सिंधिया ने
कहा कि प्रदेश में 6 माह की अवधि में
एक लाख 84 हजार करोड़ रूपए का निवेश आना सामान्य बात नहीं
है। निश्चित ही ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की तस्वीर नए-नए उद्योगों के आने से बदल
जाएगी। श्री सिंधिया ने विभिन्न सेक्टर में उद्योगों के विकास की संभावना पर भी
प्रकाश डाला।
विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र
सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत 10 वर्ष में भारत की साख में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई
है। विकास में समग्रता को अपनाया गया है। भारत विश्व की 5वीं
अर्थव्यवस्था है, अब तीसरी अर्थव्यवस्था बने इस संकल्प से
कार्य हो रहा है। विधाससभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर की पावन धरा पर
इस कॉन्क्लेव का आयोजन महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में संतुलित और
समग्र विकास के लिए प्राण-पण से जुटे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी क्षेत्रों
में कार्य आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गांव, गरीब,
नारी, किसान सभी की चिंता कर रहे हैं। इसके
साथ ही वे उद्योग और व्यवसाय के विकास के लिए भी चिंतित हैं। मध्यप्रदेश सरकार
रोजगार और अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने की चुनौती को स्वीकार कर निरंतर कर रही है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि
सम्पूर्ण प्रदेश में औद्योगीकरण के लक्ष्य से कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही है।
प्रत्येक जिले में युवाओं को उद्यमी बनाया जा रहा है। वर्तमान में पारदर्शी
प्रक्रिया लागू की गई है। मध्यप्रदेश उद्योगों को सर्वाधिक अनुदान देने वाला
प्रदेश है। प्रदेश में लघु उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि उनके खातों में अंतरित की
गई है।
उद्योगपतियों ने क्या कहा
अडानी समूह के श्री करण अडानी ने
कहा कि ग्वालियर में यह कॉन्क्लेव आर्थिक प्रगति को बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन
यादव के नेतृत्व में अनेक क्षेत्रों में नए उद्योग आ रहे हैं। अडानी ग्रुप प्रदेश
में गुना और शिवपुरी में दो नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ करेगा। शिवपुरी में 2500 करोड़ रूपए की लागत से रक्षा क्षेत्र में, गुना में 500 करोड़ रूपए की लागत से सीमेंट ग्राइडिंग
यूनिट और बदरवास में जैकेट निर्माण इकाई शुरू की जाएगी। बदरवास इकाई से महिलाओं को
बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। यह निर्मित जैकेटविश्व के कोने-कोने तक जाएगी।
रिलायंस समूह के उपाध्यक्ष श्री
विवेक तनेजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में समूह द्वारा बायो गैस और एनर्जी जनरेशन
क्षेत्र में निवेश का विचार है। ट्रोपोलाइट के एमडी श्री पुनीत डॉवर ने खाद्य
प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ.
यादव की पहल से बेंगलुरू से लेकर ग्वालियर तक हुई इन्वेस्टर्स समिट और इंडस्ट्री
कॉन्क्लेव को रोजगार वृद्धि में सहायक बताया। उद्योगपतियों की समस्याओं का त्वरित
निराकरण हो रहा है। श्री डॉवर ने गत 50 वर्ष के उद्योग क्षेत्र के अपने अनुभवों की भी चर्चा की। श्री डॉवर ने 100
करोड़ के निवेश मंतव्य की जानकारी दी जिससे करीब 500 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं
निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बतायाकि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
प्रदेश में 121 बैठकें की
हैं। भोपाल में आगामी 7-8 फरवरी 2025 को
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में निवेश आ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिछले दिनों में विभिन्न 51 औद्योगिक
इकाइयों का वर्चुअल शुभारंभ किया हैं। इससे लगभग 8300 व्यक्तियों
के लिए रोजगार सृजित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर, ग्वालियर,
चंबल के उद्योगपतियों से चर्चा की है। प्रमुख सचिव श्री सिंह ने
उद्योग हितैषी नीतियों संशोधित श्रम नीतियों और ग्वालियर, चंबल
संभागों में उद्योगों की प्रगति की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिवशेखर
शुक्ला ने पर्यटन क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया। बताया गया
कि प्रदेश में यूनेस्को की 14 हेरिटेज साइट हैं, जिसमें 3 स्थायी
सूची में है। आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्र में, जल संरचनाओं
में नर्मदा जी और अन्य स्थान, वन्य जीव अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र हैं। राज्य सरकार इन
स्थानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 20 प्रमुख
धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है। भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण की
स्मृतियों से जुड़े स्थानों का विकास भी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में 2023
में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, जिसका
अर्थव्यवस्था पर भी अच्छा प्रभाव देखने को मिला है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने
पर्यटन उद्योग के लिए दी जा रही रियायतों और प्रावधानों की जानकारी भी दी।
उन्होंने बताया कि 100 करोड़ से अधिक के अल्ट्रा मेगा
प्रोजेक्ट्स पर 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। कूनो,
चंदेरी, हनुवंतिया, मांडव,
गांधीसागर को महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र बनाया जा रहा है।
ओंकारेश्वर और उज्जैन में पर्यटन सुविधाओं में निरंतर वृद्धि की जा रही हैं।
प्रमुख सचिव खनिज श्री संजय
शुक्ला ने कोयला, लाइम स्टोन,
कॉपर एवं अन्य खनिजों के क्षेत्र में प्रदेश की स्थिति की जानकारी
दी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष से 119 मिलियन टन से बढ़कर 159
मिलियन टन वार्षिक कोयला उत्पादन हो रहा है। मध्यप्रदेश डायमंड,
कॉपर, मैंगनीज में प्रथम स्थान पर है।
ग्वालियर अंचल में भी खनिज क्षेत्र में संभावनाएं हैं। प्रदेश में देश के कुल
सीमेंट उत्पादन का छठवां हिस्सा मध्यप्रदेश में उत्पादित होता है। कोयले में
मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि
मध्यप्रदेश की नीतियां एवं संसाधन उद्योग हितैषी हैं। मध्यप्रदेश, देश के मध्य में होने से श्रेष्ठ लॉजिस्टिक और परिवहन सुविधाएं भी हैं।
निरंतर निर्माण होने से सीमेंट की खपत बढ़ रही है। देश के प्रमुख सीमेंट उत्पादक
मध्यप्रदेश में इकाइयां लगा चुके हैं। नए निवेश भी हो रहे हैं। घरों में बहुरंगी
स्टोन प्रयोग में लाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश से ऐसे स्टोन अन्य राज्यों में जा
रहे हैं।
प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी
श्री संजय दुबे ने प्रेजेंटेशन में बताया कि मध्यप्रदेश की प्रगति गत दशक में 11 प्रतिशत रही, जबकि आईटी क्षेत्र में
प्रगति 43 प्रतिशत रही। मध्यप्रदेश में काम के साथ विकास के
अवसर भी मिलते हैं। प्रदेश में डाटा सेंटर के लिए अनुकूल वातावरण है। प्रदेश के 15
में से 7 आईटी पार्क शासन के माध्यम से चल रहे
हैं। आईटी सेक्टर मात्र एक सेक्टर नहीं बल्कि अन्य सेक्टर्स के विकास में सहयोगी
है। शासन से प्रोत्साहन स्वरूप इन्टेन्सिव और अन्य लाभ आईटी क्षेत्र में निवेश पर
दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में डेवलपर्स को भी इन्टेन्सिव दिया जा रहा है।
स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कारण दिल्ली और नोएडा के स्थान पर
निवेश मध्यप्रदेश में आ रहा है। ग्वालियर से 7 हाइ-वे निकलते
हैं। इस क्षेत्र में ग्वालियर को प्रमुख केन्द्र बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 47 नवीन उद्योग इकाइयों का शुभारंभ, भूमिपूजन
और लोकार्पण किया। इनसे 4752 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
कुल 1586 करोड़ रूपए निवेश किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव
ने ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र के छह स्थानों पर इन इकाइयों के शुभारंभ अवसर पर
उपस्थित जनप्रतिनिधियों से चर्चा की और नई औद्योगिक इकाइयों के लिए बधाई दी।
मालनपुर भिंड में प्रारंभ नए उद्योगों के लिए केन्द्रीय संचार और पूर्वोत्तर
क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष श्री
नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मक्सी (शाजापुर) में
प्रारंभ इकाइयों के लिए भी बधाई दी। इसी तरह नीमच, धार,
पांर्ढुना जिलों स्थानों पर भी औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और
भूमिपूजन सम्पन्न हुआ।
औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 120 औद्योगिक इकाइयों को 268 एकड़ भूमि
आवंटित कर आशय-पत्र जारी किये गये। इसमें 1680 करोड़ से अधिक
का पूँजी निवेश होगा एवं 6600 लोगों को रोजगार मिलेगा।
एमएसएमई विभाग अंतर्गत 19 इकाईयों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन
किये गये, जिसमें 265 करोड़ से अधिक का
पूँजी निवेश एवं लगभग एक हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव
ने प्रतीक स्वरूप 5 इकाइयों को भूमि आवंटन के आशय-पत्र प्रदान
किए। मुख्यमंत्री ने जय विलास प्रवेश द्वार का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण भी किया।
शुभारंभ सत्र में पंचायत एवं
ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, सूक्ष्म, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण
मंत्री श्री राकेश शुक्ला, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन
कल्याण, उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी,
सांसद श्रीमती संध्या राय, सांसद भी भारत सिंह
कुशवाह, सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, ग्रामोद्योग राज्य मंत्री श्री दिलीप जायसवाल, उपस्थित
थे।
कॉन्क्लेव के
मुख्य आकर्षण
15 अंतर्राष्ट्रीय
प्रतिभागियों ने सहभागिता की, जिसमें कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया और
मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।
15 से अधिक
राज्यों के निवेशकों ने सहभागिता की। इसमें अधिकांश पर्यटन, आईटी,
फुटवेयर, कृषि, खाद्य
प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्योगपति थे, जिन्होंने निवेश के
लिये रूचि दिखाई।
400 से अधिक
बायर-सेलर मीट हुईं।
5 से अधिक
औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
उद्योगपतियों ने अपने अनुभव साझा
किये।
20 से अधिक प्रमुख
उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा हुई।
6 सेक्टोरल सत्र
और तीन राउण्ड टेबल बैठकें हुई।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी 8 जिलों में इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया।
अडाणी समूह द्वारा 3500 करोड़ की लागत से गुना में 2 मिलियन
टन सीमेंट प्रोजेक्ट एवं शिवपुरी में प्रोपेलेंट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया।
जिससे 3500 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
रिलायंस समूह ने रिन्युएबल
एनर्जी गैस एवं बायो गैस प्रोजेक्ट के लिये निवेश प्रस्ताव दिया। जिसमें ग्रामीण
क्षेत्र में 2000 रोजगार के
अवसर सृजित होंगे।
ट्रोपोलाईट फूड ग्रुप द्वारा फूड
प्रोसेसिंग के लिये 100 करोड़ के निवेश
से अपना व्यवसाय मध्यप्रदेश में और बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, जिससे
महिलाओं के लिये 500 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर-चंबल
क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक
पार्क की घोषणा की।
मुरैना जिले के सीतापुर में
पुलिस चौकी एवं मुरैना के बामोर में फायर स्टेशन की घोषणा।
ग्वालियर -
आरआईसी में प्राप्त अन्य प्रस्ताव |
|||||
क्र. |
उद्योगपति
का नाम एवं पद |
इकाई का नाम |
सेक्टर |
निवेश |
रोजगार |
1. |
श्री अंकुर गुप्ता, डायरेक्टर |
प्लेग्रो इण्डस्ट्रीज |
टॉय मेन्युफेक्चरिंग |
रु. 30 करोड़ |
500 |
2. |
श्री आशीष मोहापात्रा, सीईओ एण्ड एमडी |
ओएफबी टेक |
फायनांस एण्ड आईटी |
रु. 350 करोड़ |
15000 |
3. |
श्री अचिन अग्रवाल, एमडी |
प्राइम गोल्ड |
स्टील |
रु. 250 करोड़ |
100 |
4. |
श्री चन्दर भूषण मिश्र, एमडी |
एसएसजी फर्निशिंग साल्युसंस |
टेक्निकल टेक्सटाइल |
रु. 750 करोड़ |
9000 |
5. |
श्री अरुण गोयल, चेयरमेन |
एलिक्सर इण्डस्ट्रीज |
फर्नीचर एण्ड केमिकल |
रु.1000 करोड़ |
750 |
6. |
श्री पंकज चावला, एमडी |
मार्बल विनाइल |
पैकेजिंग एण्ड ऑटोमोटिवइंटी
रियर्स |
रु. 620 करोड़ |
2800 |
7. |
श्री आर.पी. माहेश्वरी, सीएमडी |
मॉडर्न टेक्नोप्रोजेक्ट्स |
हॉस्पिलिटी |
रु. 100 करोड़ |
150 |
8. |
श्री एस.पी.एस. कोहली, ईडी |
जमना ऑटो (विस्तार) |
ऑटो कम्पोनेंट |
रु. 532 करोड़ |
200 |
9. |
श्री जे.एल. तापड़िया |
द सुप्रीम इण्डस्ट्रीज
(विस्तार) |
प्लास्टिक |
रु. 265 करोड़ |
75 |
10. |
श्री राहुल संघवी |
संघवी फूड्स (विस्तार) |
फूड प्रोसेसिंग |
रु. 12.57 करोड़ |
50 |