रायपुर| छत्तीसगढ़ शासन को अपने बुजुर्गों का बहुत ख्याल
है उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के सियान जतन क्लिनिक योजना की शुरुआत की
गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर महीने के पहले गुरुवार को ’सियान जतन क्लिनिक’ का आयोजन कर रहा है। इन अस्पतालों में 60
साल से अधिक उम्र के
बुजुर्गों की निःशुल्क जांच और इलाज किया जा रहा है। यह पहल बुजुर्गों को बेहतर
उपचार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। इसके माध्यम से
प्रदेश के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में वृद्धावस्था में शारीरिक एवं मानसिक
समस्याओं से पीड़ित वृद्धजनों को विशेष ओपीडी एवं पंचकर्म सेवाएं प्रदान की जा रही
हैं। इन सभी अस्पतालों में मरीजों को संभालने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम
उपस्थित रहती है।
महासमुंद ज़िले के 36
आयुर्वेदिक अस्पताल
व हेल्थ सेंटर में सियान जतन क्लिनिक की शुरूआत माह मई से हुई है,
जहाँ 60
से अधिक उम्र के
नागरिकों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार किया जा रहा है। प्रकृति से
जुड़कर लोगों को स्वस्थ रहने के तौर-तरीके बताने का काम आयुष चिकित्सकों के द्वारा
किया जा रहा है। इसके अंतर्गत दवा से लेकर अन्य सभी विधियां प्राकृतिक मापदंड से संबंधित
हैं। इसके अच्छे परिणाम लोगों को प्राप्त हो रहे हैं। आयुष का काम देख रहे डॉक्टर
एस.एल.पटेल ने बताया कि पिछले दो माह में 4190 बुजुर्गों को इसका फ़ायदा मिला। माह मई में 1432
और जून माह में
आयोजित शिविरों में 2758 बुजुर्गों का उपचार किया गया। साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों का निःशुल्क पंजीयन,
सामान्य स्वास्थ्य
परीक्षण, प्रकृति परीक्षण व चिकित्सा की गई। इन जाँच शिविरों में स्मृति ह्रास,
कम सुनाई पड़ना,
नेत्ररोग,
जोड़ों का दर्द,
लकवा,
मधुमेह,
उच्च रक्तचाप और
शारीरिक दुर्बलता इत्यादि शामिल है। चिकित्सालय के सियान जतन क्लिनिक में
लाभार्थियों को ग्रीष्म ऋतु पेय मिश्रेय पानक, दशमूल काढ़ा, गुडुच्यादि काढ़ा, रसायन औषधि आदि प्रदान की गयी। इसके अलावा लोगों
को एक ही स्थान पर आयुर्वेद और एलोपैथी के विशेषज्ञों का परामर्श उपलब्ध होता है।
उन्होंने बताया कि सियान जतन क्लिनिक में इलाज के लिए आए बुजुर्गों का विस्तृत
विवरण भी रखा जा रहा है। यही नहीं, भविष्य में जरूरत पड़ने पर इन मरीजों का फॉलोअप भी
किया जाएगा। नागरिकों का स्वास्थ्य बेहतर रहे और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों
का सामना ना करना पड़े, इसके लिए कई स्तर पर काम हो रहा है। जिसकी जिम्मेदारी आयुष विभाग को
दी गई है।