रायपुर :
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नवनिर्वाचित सांसद
बृजमोहन अग्रवाल कन्फ्यूज्ड है तय नहीं कर पा रहे है कि डबल इंजन में किस इंजन में
सवार होना है। इसलिए इस्तीफा नहीं दे रहे। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का यह कहना कि
वह 6 महीना
मंत्री रह सकते हैं इस बात का प्रमाण है कि बृजमोहन अग्रवाल को आभास हो गया है कि
केंद्र की मोदी सरकार अल्पमत में है और बहुत जल्द यह सरकार गिर जाएगी और देश में
मध्यावधि चुनाव होंगे इसीलिए वह विधायक की पद को बचाए रखना चाहते हैं ताकि मंत्री
बने रहे हैं।
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कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को
राजनीति का लंबा अनुभव है और भाजपा में बृजमोहन अग्रवाल की गिनती कद्दावर नेताओं
में होती है। भाजपा के गुटीय राजनीति के शिकार बृजमोहन अग्रवाल हुए हैं, उन्हें जानबूझकर सांसद का प्रत्याशी
बनाया गया ताकि राज्य के राजनीति से बृजमोहन अग्रवाल की पकड़ खत्म हो और बृजमोहन
अग्रवाल के विरोधी गुट का बोलबाला रहे।प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय
सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार से बृजमोहन अग्रवाल के समर्थकों को यह उम्मीद था
कि बृजमोहन अग्रवाल की राजनीतिक तजुर्बा और वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें मंत्री
बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसके चलते बृजमोहन अग्रवाल एवं उनके समर्थकों को
निराशा हुई है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल के सांसद
बनने से ज्यादा खुशी भाजपा में जमने की भरकस कोशिश कर रहे, बृजमोहन विरोधी नेताओं को इस बात की
हुई कि अब बृजमोहन अग्रवाल का हस्तक्षेप प्रदेश की राजनीति में नहीं होगा और
बृजमोहन अग्रवाल का वर्चस्व प्रदेश भाजपा की राजनीति से खत्म हो जायेगा और इधर
बृजमोहन अग्रवाल भी अपने इस्तीफा को लेकर दांव चल दिये मुख्यमंत्री विष्णु
देव साय के ऊपर छोड़ दिए हैं ऐसा लगता है कि दक्षिण विधानसभा सीट में प्रत्याशी कौन
होगा इसकी सौदाबाजी शुरू हो गई है? बृजमोहन अग्रवाल को
नैतिकता के आधार पर तत्काल विधानसभा की सीट को छोड़ देना चाहिए।