रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र में ध्यानाकर्षण के तहत उठाए गए ठगी के मामले में बढ़ोत्तरी के विषय पर सदन में भारी हंगामा हुआ। हालांकि भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण पर उनके वक्तव्य के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया की टोका टाकी से नाराज होकर अपना ध्यानाकर्षण प्रस्ताव वापस ले लिया लेकिन इसके पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति की गई कि अजय चंद्राकर बहुत लंबा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पढ़ रहे हैं। इस पर अजय चंद्राकर का कहना था कि यदि मामले अधिक हैं तो वह लंबा होगा और ध्यानाकर्षण छोटा हो तो जवाब भी छोटा आना चाहिए। सवाल छोटा होने के लिए कहा जाता है लेकिन मंत्री जो जवाब देते हैं उसके लिए क्या व्यवस्था है। विपक्ष ने गृहमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर भी आपत्ति व्यक्त की। विपक्ष के सदस्यों का कहना था कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर गृह मंत्री सदन में उपस्थित होकर जवाब देना चाहिए। दूसरे मंत्री कैसे बीच में बोल रहे हैं। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने राज्य में ठगी के मामलों में निरंतर वृद्धि होने का सवाल उठाते हुए ध्यान आकर्षित किया कि शिक्षा विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी हो रही है, साइबर ठगी हो रही है। उन्होंने ठगी के ढेर सारे मामलों का जिक्र किया तो नगरीय प्रशासन मंत्री ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री ने भी आपत्ति की तो इस पर पक्ष विपक्ष के बीच भारी नोकझोंक हुई। सदन में हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष ने 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार के ज्ञान में सारी स्थिति ला दी है और ध्यानाकर्षण वापस लेता हूं लेकिन इसके बाद में अजय चंद्राकर ने फिर व्यवस्था का सवाल उठाया तो नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डेहरिया ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि जब ध्यानाकर्षण वापस ले चुके हैं तो बाद में बोलने का प्रावधान नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि आप का आशय यह है कि उत्तर संक्षिप्त हो। आप 29 घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं तो उत्तर विस्तृत आएगा। प्रश्न संक्षिप्त हो तो उत्तर भी संक्षिप्त होंगे। अध्यक्ष. डॉ चरणदास महंत ने कहा कि सदन का समय कीमती है। इस को ध्यान में रखते हुए ऐसा प्रश्न करें जिसका उत्तर दिया जा सके। दोनों पक्षों को संक्षिप्त सवाल जवाब के लिए आसंदी ने निर्देशित किया।