रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने
आज नई दिल्ली के कृषि भवन में कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
से मुलाकात की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के कृषि और ग्रामीण विकास के विभिन्न मुद्दों
पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें नक्सल
प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया
गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित 15.18 लाख पात्र
परिवारों के आवास का मुद्दा भी रखा, जिस पर केंद्रीय मंत्री
ने जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी साथ थे।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्रीय मंत्री को
सूचित किया कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6.99
लाख परिवार योजना के स्थायी प्रतीक्षा सूची में हैं और 8.19 लाख परिवार आवास प्लस में शामिल हैं। पूर्व में योजना के लिए राज्य का
हिस्सा नहीं मिलने के कारण यह समस्या बनी रही। मुख्यमंत्री ने जल्द आवास स्वीकृत
करने का अनुरोध किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने इस पर
तत्काल कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों
में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की आवश्यकता
जताई। उन्होंने कहा नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सामाजिक आर्थिक जातिगत
जनगणना-2011 एवं आवास प्लस 2018 की सूची में अनेक पात्र परिवारों का नाम शामिल नहीं हो सका है। उन्होंने 10,500
नए पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल करने का
अनुरोध किया और साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पंचायतों को आवास निर्माण की
स्वीकृति देने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना के तहत आधार आधारित
भुगतान प्रणाली (ABPS) में 31 मार्च, 2025 तक छूट देने का आग्रह किया,
ताकि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के श्रमिकों को योजना का
लाभ मिल सके। उन्होने कहा दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी
और अन्य समस्याएं हैं, जिससे
आधार आधारित भुगतान में कठिनाई
आ रही है। इसके
साथ ही इन क्षेत्रों में जब तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध ना हो तब तक नगद भुगतान की
अनुमति देने की मांग की।
साथ ही, मुख्यमंत्री श्री
साय ने आदिवासी क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी सुधार की आवश्यकता जताई, जहां कई बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ी नहीं हैं। उन्होंने
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में छूटे हुए आदिवासी क्षेत्रों को शामिल करने और
पुरानी सड़कों के उन्नयन की मांग की।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय
महाअभियान के तहत 106 वृहद पुलों की स्वीकृति की
प्रक्रिया की जानकारी दी और साथ ही छत्तीसगढ़ के लिए 426 छूटे
हुए पुलों के निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन पुलों का
निर्माण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आदिवासी क्षेत्रों की
सड़क कनेक्टिविटी सुधरेगी और नक्सल उन्मूलन अभियान को भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, और रागी जैसी मिलेट फसलों के उत्पादन को
बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना राज्य के
लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये पौष्टिक होती हैं और आदिवासी क्षेत्रों में प्रमुख
खाद्य पदार्थ हैं। साथ ही, उन्नत तकनीक और बीजों की उपलब्धता
से किसानों की आय बढ़ेगी।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़
में कृषि व ग्रामीण विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल
करने का आश्वासन दिया है।बैठक में छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक,
प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक श्री रजत बंसल एवं केंद्र सरकार
के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।