रायपुर| कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे दिवंगत मनोज कुमार मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। चुनाव कार्यक्रम जारी होते ही मंडावी के इस्तीफे से साफ हो गया है कि कांग्रेस उन्हें भानुप्रतापपुर सीट से उम्मीदवार बनाने जा रही है। इसकी आधिकारिक घोषणा कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद ही होगी। भानुप्रतापपुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब स्थित सरकारी स्कूल में व्याख्याता के पद पर तैनात थीं। निर्वाचन आयोग ने शनिवार सुबह उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। दोपहर बाद ही सावित्री मंडावी का इस्तीफा हो गया। बताया जा रहा है, पार्टी नेतृत्व की ओर से इसका निर्देश उन्हें पहले ही दे दिया गया था। निर्वाचन कानून के मुताबिक कोई सरकारी कर्मचारी अथवा लाभ के पद पर बैठा व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। ऐसे में मंडावी को नामांकन से पहले ही नौकरी छोड़ना ही पड़ता। बताया जा रहा है, दिवंगत मनोज मंडावी की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी। उसके बाद मंडावी के समर्थक उनके पीछे एकजुट होकर चुनाव की तैयारी में लगे हैं। पिछले सप्ताह कांकेर के चारामा में हुई मुख्यमंत्री की जनसभा में भी सावित्री मंडावी के समर्थन में नारे लगाए गए थे। इधर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है, "वहां से उनका दावा मजबूत है, लेकिन उम्मीदवार कौन होगा इसके लिए पार्टी का अपना मैकेनिज्म है। यह चुनाव समिति की बैठक के बाद ही तय होता है। जल्दी ही इसकी बैठक लेकर कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के आधार पर फैसला हो जाएगा।' बताया जा रहा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 7 नवम्बर को हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौरे से लौटेंगे। उसी दिन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी भारत जोड़ो यात्रा से लौटना है। उसके बाद ही भानुप्रतापपुर उप चुनाव के लिए पार्टी की बैठक होगी। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में हर साल उप चुनाव हुए हैं। दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एकतरफा जीत दर्ज की है। पिछले चार चुनाव में एकमात्र चित्रकोट सीट ही 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस के खाते मंें थी। इसका मतलब है कि इन चुनावों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 100% था। इस कार्यकाल में यह विधानसभा का पांचवा उपचुनाव होगा। पार्टी इस स्ट्राइक रेट को बरकरार रखने की कोशिश में है।