बिलासपुर। परिवहन
उपनिरीक्षक (तकनीकी) पद के लिए चयन सूची में नाम आने के बावजूद जांजगीर-चांपा के
ऋषभ स्वर्णकार को नौकरी नहीं मिल सकी। इसको लेकर उन्होंने साल 2017 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था,
लेकिन कोर्ट ने अब उनकी याचिका खारिज कर दी है। पीएससी ने 27
जुलाई 2016 को परिवहन उपनिरीक्षक (तकनीकी) पद
के लिए विज्ञापन निकाला था। ऋषभ ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया, परीक्षा दी, इंटरव्यू भी पास किया। 25 अप्रैल 2017 को जब चयन सूची आई, तो उनका नाम चौथे नंबर पर था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी
गई और न ही कोई कारण बताया गया।
इस पर ऋषभ ने उसी
साल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि उन्होंने फिजिकल टेस्ट में भाग
लिया था और जांजगीर के जिला अस्पताल में उनकी जांच भी हुई थी। उन्होंने कोर्ट से
मांग की कि नियुक्ति आदेश को रद्द किया जाए और उनकी शारीरिक जांच दोबारा कराई जाए।
राज्य सरकार ने जवाब में बताया कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अभ्यर्थी की कम से
कम ऊंचाई 165 सेंटीमीटर
होनी चाहिए, लेकिन ऋषभ की ऊंचाई 164.3 सेंटीमीटर
मापी गई। यही कारण है कि उन्हें अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं किया गया। हाईकोर्ट
ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और पाया कि अभ्यर्थी तय शारीरिक मानक को पूरा
नहीं करता है। इसलिए कोर्ट ने कहा कि याचिका में विचार करने योग्य कोई ठोस आधार
नहीं है और इसे खारिज कर दिया।