रायपुर। रायपुर
नगर निगम में मेयर मीनल चौबे ने 1529
करोड़ 53 लाख 28 हजार
रुपए का बजट पेश कर दिया है। महापौर ने इसे फायदे का बजट बताया है जिसमें सभी वर्ग
का ध्यान रखा गया है। अभिभाषण के दौरान महापौर बोलीं कि बेटी बेबस नहीं, शहर की तकदीर गढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि
पिछले कार्यकाल में सिर्फ सपने दिखाए गए। काम कुछ नहीं हुए। इससे पहले मेयर मीनल
चौबे पीले रंग की मखमली फाइल में बजट लेकर निगम कार्यालय पहुंची थीं। फाइल में एक
तरफ निगम का लोगो तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर छपी है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत
स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनको डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया
जाएगा।
इनके परिवार के सदस्यों को शासन के अन्य योजनाओं
का लाभ दिलवाया जायेगा।
वेंडिंग जोन को
विकसित किया जाएगा। साथ ही साथ मार्केट डेवलपमेंट प्लान के तहत बाजारों को विकसित
किया जाएगा।
तृतीय लिंग के
समूहों को चिन्हांकित कर उनको / उनके रूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे
समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें और आर्थिक/सामाजिक रूप से सशक्त बन सके।
रायपुर शहर की
कामकाजी महिलाओं की आवास संबंधी दिक्कतों को दूर करने रायपुर में तीन स्थानों पर
वर्किंग विमेंस हॉस्टल बनेगा।
सार्वजनिक स्थलों विशेषकर बाजारों और भीड़-भाड़
वाले क्षेत्रों में महिलाओं के लिए विमेंन रेस्ट रूम बनेंगे। जिसमें सेनेटरी
वेंडिंग मशीन और बेबी फीडिंग रूम भी होंगे।
सार्वजनिक स्थलों
पर महिला सुरक्षा के तहत सर्विलेंस कैमरे लगेंगे।
महिला स्वावलंबन, सुरक्षा और सुविधा विस्तार के लिए इस बजट में
प्रावधान किया गया है।
जिसके लिए 20 लाख का बजट प्रावधान किया गया है।
रायपुर नगर निगम
में स्वच्छ भारत मिशन के तहत् जोन कार्यालयों में महिला टॉयलेट में सेनेटरी नैपकिन
वेंडिंग मशीन लगाए जाएंगे। 25.00
लाख का प्रावधान है।
महिला स्वावलंबन
और रोजगार के लिए राज्य शासन द्वारा 10 करोड़ की राशि दी गई है।
इस राशि से
गारमेंट फैक्टरी का संचालन किया जाएगा।
जिससे स्थानीय
महिलाओं और युवाओं को रोजगार से जोड़कर आर्थिक समृद्धि प्रदान की जाएगी।