रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बुनियादी ढांचे के विकास और स्थायी
आजीविका को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 30 मार्च को 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की विद्युत, तेल और गैस,
रेल, सड़क, शिक्षा एवं
आवास क्षेत्रों से संबंधित कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को
समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी देश भर में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके
अनुरूप, सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने और छत्तीसगढ़ को बिजली उत्पादन में
आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। वह बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी
की सीपत सुपर थर्मल पावर परियोजना चरण- III (1x800एमडब्ल्यू)
की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 9,790 करोड़
रुपये से अधिक है। यह पिट हेड परियोजना उच्च बिजली उत्पादन दक्षता के साथ
अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है। वह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत
उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये
से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2X660एमडब्ल्यू) के कार्य की शुरुआत करेंगे। वह पश्चिमी क्षेत्र विस्तार योजना
(डब्ल्यूआरईएस) के तहत 560 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली
पावरग्रिड की तीन विद्युत पारेषण परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
भारत के
शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों, वायु प्रदूषण में कमी लाने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान
करने के अनुरूप, प्रधानमंत्री कोरिया, सूरजपुर,
बलरामपुर और सरगुजा जिलों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
(बीपीसीएल) की सिटी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसमें 200
किलोमीटर से अधिक हाई प्रेशर पाइपलाइन और 800 किलोमीटर
से अधिक एमडीपीई (मीडियम डेंसिटी पॉलीइथिलीन) पाइपलाइन और 1,285 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई सीएनजी डिस्पेंसिंग आउटलेट शामिल
हैं। वह हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की 540 किलोमीटर लंबी विशाख-रायपुर पाइपलाइन (वीआरपीएल) परियोजना की भी आधारशिला
रखेंगे, जिसकी लागत 2210 करोड़ रुपये
से अधिक होगी। इस बहुउत्पाद (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) पाइपलाइन की क्षमता 3 मिलियन मीट्रिक टन
प्रति वर्ष से अधिक होगी।
क्षेत्र
में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रधानमंत्री 108 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली सात रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और 2,690
करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 111 किलोमीटर
की कुल लंबाई वाली तीन रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह मंदिर
हसौद के माध्यम से अभनपुर-रायपुर खंड में मेमू ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे।
वह छत्तीसगढ़ में भारतीय रेलवे के रेल नेटवर्क के 100 प्रतिशत
विद्युतीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये परियोजनाएं भीड़भाड़ को कम
करेंगी, कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और पूरे क्षेत्र में
सामाजिक तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
छत्तसीगढ़
में सड़क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री एनएच-930 (37 किलोमीटर) के झलमला से शेरपार
खंड और एनएच-43 (75 किलोमीटर) के अंबिकापुर-पत्थलगांव खंड को
2 लेन में अपग्रेड करके राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री एनएच-130डी (47.5 किमी)
के कोंडागांव-नारायणपुर खंड को 2 लेन में अपग्रेड करने की
आधारशिला भी रखेंगे। 1,270 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली
ये परियोजनाएं आदिवासी और औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार लाएगी
जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
सभी के
लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री दो प्रमुख शैक्षिक
पहलों को समर्पित करेंगे जिनमें राज्य के 29 जिलों में 130
पीएम श्री स्कूल और रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके)
शामिल हैं। पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया योजना के तहत 130 स्कूलों
को अपग्रेड किया जाएगा। ये स्कूल अच्छी तरह से संरचित बुनियादी ढांचे, स्मार्ट बोर्ड, आधुनिक प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों
के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में मदद करेंगे। रायपुर में
वीएसके विभिन्न शिक्षा संबंधी सरकारी योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी और डेटा विश्लेषण
को सक्षम करेगा।
ग्रामीण
परिवारों के लिए उचित आवास तक पहुंच सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा जीवन की समग्र गुणवत्ता
में सुधार करने की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, प्रधानमंत्री
आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 3 लाख
लाभार्थियों का गृह प्रवेश होगा। प्रधानमंत्री इस योजना के तहत कुछ लाभार्थियों को
चाबियां सौंपेंगे।