रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय में आजादी के 75 सालो बाद राष्ट्रध्वज तिरंगे को फहराने पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि संघ मुख्यालय में खादी का तिरंगा इनके फहराना देश के लिये गर्व की बात ही आजादी के 75 साल बाद ही सही संघ मुख्यालय में तिरंगा झंडे को तो फहराया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि उनके द्वारा भेजे गये खादी के झंडे को हेडगेवार भवन नागपुर में फहराकर संघ प्रमुख ने एक रंग के ध्वज को छोड़कर तीन रंग वाले तिरंगे ध्वज पर अपनी आस्था जताई। हालाकि इस पर संघ को पूरे 75 साल लग गये, जो कि अफ़सोस जनक बात है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा एक ओर जहां पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। पूरे देश की जनता राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अपने घरो में लगा रही है। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया में यह जानकारी प्राप्त हुई के संघ मुख्यालय को हेडगेवार भवन तिरंगा नहीं फहराया गया और आरएसएस ने ट्वीटर हैंडल एवं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपनी डीपी में तिरंगा नहीं लगाया था। जबकि देश के प्रधानमंत्री मोदी जो खुद एक स्वयं सेवक थे। उनके निवेदन को भी संघ ने नकार दिया था। तिरंगे के इस अपमान को देखकर कुछ दिन पूर्व खादी निर्मित तिरंगा झंडा संघ मुख्यालय कोरियर के माध्यम से भेजा गया और तिरंगे को फहराने का अनुरोध भी संघ प्रमुख मोहन भागवत से किया था। इसी तिरंगा झंडा को आज संघ मुख्यालय नागपुर में फहराया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को कहा कि तिरंगा झंडा पर अपनी आस्था प्रकट करने का अर्थ है कि देश के संविधान में अपनी आस्था रखना, संघ जो हिन्दू राष्ट्र और एक रंग के ध्वज की बातो को दरकिनार करना है। अब संघ को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताये हुये अहिंसा के मार्ग में चलना चाहिये। संघ को यह भी मान लेना चाहिये कि भारत देश सभी धर्म जाति संप्रदाय के लोगों का है जिसकी परिकल्पना राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, आरएसएस को भी इस बात को मान लेना चाहिये कि इस देश में सभी धर्मावलंबियों का बराबर और समानता का अधिकार है। मोहन मरकाम ने कहा कि उनके द्वारा भेजे गये खादी के झंडे कोहेडगेवार भवन में फहराकर संघ प्रमुख ने एक रंग के ध्वज को छोड़कर तीन रंग के ध्वज तिरंगे पर अपनी आस्था जताई इसके लिये संघ प्रमुख को साधुवाद हालाकि इस पर संघ को पूरे 75 साल लग गये जो कि दुर्भाग्यजनक घटना है।