रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा
कि मोदी सरकार की नीति कुछ बड़े औद्योगिक घरानों का पोषण कर किसानों तथा गरीबों का
शोषण करना है इसलिए वह किसानों से किये वादे पूरे करने की बजाय उन्हे धोखा देकर
पिछले दरवाजे से फिर से नया कृषि विरोधी कानने ला रही है। मोदी सरकार किसानों के
साथ धोखा कर रही है और पिछले दरवाजे से उसी कृषि विरोधी कानूने को लाने के प्रयास
में है जिसको वापस करने के लिये किसानों को लम्बे समय तक आंदोलन करने को मजबूर
होना पड़ा था। किसान विरोधी मोदी सरकार अब पीछे के दरवाजे से उसी कृषि कानून का
दोबारा लाने का प्रयास कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि किसान आंदोलन को
खत्म करने के लिये सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से किसानों की आमदनी दोगुना करने
न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के लिये समिति गठित करने तथा उत्तरप्रदेश के लखीमपुर
में किसानों के कुचलने के लिये दोषी युवक के पिता एवं केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा
को मंत्रिमंडल से हटाने की बात की थी लेकिन अब वह इन वादों से मुकर गई है और इस
दिशा में कोई कदम नही उठा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि इस सरकार का मकसद
एमएसपी को धीरे-धीरे खत्म करना है और किसानों के साथ किये वादों से पीछे हटकर
उन्हे धोखा देना है उनका कहना था कि सरकार के मन में पहले से ही धोखा था इसलिए
उनके गत मार्च में किसानों से लिखित रूप से बात करने की बजाय किसान मोर्चा के
नेताओं को फोन करके समिति के लिए मौखिक रूप् से नाम देने को कहा था लेकिन इस बारे
में अबत कोई कदम नही उठाया गया है। सरकार ने किसान की फसल खरीद को भी कम कर दिया
है। जबकि वह उनकी आय दोगुना करने करने की बात करती है। गेंहू का स्टाक 15 साल में सबसे कम हो गया है। और वह 2008 के स्तर पर पहुंच गया है सरकार को इस साल जितनी खरीद
करनी थी वह खरीद नही हुयी है इस साल किसान से पहले की तुलना में 56 प्रतिशत कम खरीद हुयी है। इस तरह से किसानों को मौसम
की मार झेलने के साथ ही सरकार की नाकामयाबी का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि समय यूक्रेन
युद्व के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में गेंहू की जबरदस्त मांग है यूक्रेन से बड़े
स्तर पर विश्व बाजार में गेंहू की आपूर्ति होती है लेकिन बार युद्व में फंसे होने
के कारण वहा से विश्व बाजार में गेंहू नही पहुंच पा रहा है। और गेंहू के दाम बहुत
उंचे स्तर पर पहुंच गये है अंतराष्ट्रीय बाजार में गेंहू की बढ़ी हुयी इन कीमतों का
फायदा देश के किसानों की बजाय बिचौलियों और कारोबारियों को मिला है।