रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में शहर कोतवाली रायगढ़ पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है। केजीएच अस्पताल में भर्ती एक महिला की की मृत्यु हो गई। महिला के पति की दो साल पहले मौत हो गई थी। महिला के दो बच्चे क्रमश: 16 साल की बेटी और 8 साल का बेटा है। बच्चे मां के शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे थे। इसलिए महिला का शव दो दिन तक मोर्चरी में रखा गया था।
20 मई 2022 को थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर अपने स्टाफ के साथ केजी हॉस्पिटल पहुंचे थे। प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर को देख मृतक की बेटी रोते हुए उनके पास आयी और कहा कि इलाहाबाद और रायगढ़ में उनका कोई नहीं है, मम्मी के अंतिम संस्कार के लिए परिचित भी नहीं आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक महिला का परिवार इलाहाबाद वर्र्तमान में प्रयागराज से यहां आकर रोजी रोटी के लिए मेहनत मजदूरी कर रहा था।
दोनों बच्चों की हालत देखकर वहां खड़े लोगों के साथ खाखीवाले भी सहम गए। टीआई नागर ने बच्चों को दिलासा देते हुए कहा कि शव का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किया जाएगा।
उन्होंने सहयोगी पुलिसकर्मियों से दोनों बच्चों के ठहरने की उचित व्यवस्था कराई। इसके बाद महिला के शव को शव को मुक्तिधामतक ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था कराई।
टीआई मनीष नागर और सहयोगी पुलिसकर्मियों ने शव को कंधा देकर वाहन तक ले गये। वहां से शव कायाघाट मुक्तिधाम ले जाया गया और पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया गया।
पुलिस के इस नेक कार्य की जानकारी मिलते ही समाज सेवा संगठन मां फाउंडेशन रायपुर के स्थानीय सदस्य सहयोग के लिए आगे आए।
महिला के हिंदू होने के कारण महिला के बेटे का हिंदू रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार किया गया, उसकी राख को पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाएगा।
शव के अंतिम संस्कार के बाद महिला के दोनों बच्चों को देखभाल के लिए चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है। इस बात की जानकारी जब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तो उन्होंने टीआई नागर और उनके स्टाफ की सराहना की।
इस मानवीय सेवा को करने के लिए नगर कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर के साथ प्रधान आरक्षक नंदकुमार सारथी, प्रधान आरक्षक हेमंत पात्रे, आरक्षक विनोद शर्मा, आरक्षक सुरेंद्र यादव एवं मां फाउंडेशन रायपुर, रायगढ़ सदस्य निमेश पांडेय, बबलू गुप्ता सहित अन्य मौजूद रहे।