रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा
संचालित महिला सशक्तिकरण की योजनाएं अब धरातल पर सकारात्मक परिणाम देने लगी हैं।
इसकी एक प्रेरणादायी मिसाल हैं जशपुर जिले के गम्हरिया ग्राम की श्रीमती लालमती,
जिन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभ लेकर आत्मनिर्भरता की
मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से न सिर्फ स्वयं की पहचान
बनाई, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है।
श्रीमती लालमती का जीवन एक साधारण मजदूर से सफल उद्यमी बनने की
कहानी है। जब वे प्रजापति गौरी स्व-सहायता समूह से जुड़ीं, तब
उन्हें बिहान योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं का लाभ मिला। उन्होंने उद्योग
विभाग से लोन प्राप्त कर शटरिंग प्लेट का व्यवसाय प्रारंभ किया और बाद में जनवरी 2025
में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण लेकर अपने व्यवसाय को
विस्तार दिया।
आज श्रीमती लालमती के पास 200
से अधिक शटरिंग प्लेट हैं, जो वे निजी भवनों
एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों की छत ढलाई हेतु
किराये पर उपलब्ध कराती हैं। फरवरी 2025 से अब तक इस व्यवसाय
से उन्हें लगभग 35,000 से 40,000 रुपये
की आय हुई है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के
तहत गांव में कई मकानों का निर्माण कार्य चल रहा है।
श्रीमती लालमती ने मुख्यमंत्री श्री
विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि,
यदि शासन की योजनाओं का साथ न होता, तो मैं आज
इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। शासन ने हमें हौसला दिया, साधन
उपलब्ध कराए और नई राह दिखाई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने
कहा कि हमारी सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि ग्रामीण अंचलों की महिलाएं आत्मनिर्भर
बनें और आर्थिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाएं। बिहान,
मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से
हम महिलाओं को न केवल वित्तीय सहयोग दे रहे हैं, बल्कि
उन्हें प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और बाज़ार तक पहुँच भी
प्रदान कर रहे हैं। श्रीमती लालमती जैसी महिलाएं छत्तीसगढ़ की नई सामाजिक-आर्थिक
चेतना की प्रतीक हैं।छत्तीसगढ़ शासन की प्राथमिकता है कि हर महिला अपने पैरों पर
खड़ी हो, सम्मान के साथ जीवन जिए और दूसरों के लिए प्रेरणा
बने।