रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में
गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दूरगामी प्रभाव वाले कई फैसलों पर
मुहर लगी है। अब निवास प्रमाणपत्र के लिए छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल में प्राइमरी में
पढ़ा होना जरूरी कर दिया गया है। सरकार ने इस सीजन से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल
खरीदने का भी निर्णय लिया है। वहीं बहुप्रतिक्षित पेशा
(अधिसूचित क्षेत्रों
में पंचायतों का विस्तार) कानून को लागू करने का भी फैसला हो गया कैबिनेट ने इसके
नियमों को मंजूरी दे दी।
मंत्रिपरिषद के
फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया,
सरकार ने किसानों की
आय बढ़ाने और राज्य में दलहनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए दाल को भी न्यूनतम
समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है। इस खरीफ सीजन में सरकार अरहर,
उड़द और मूंग की
फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। इसके लिए जल्दी ही दिशा निर्देश जारी
कर पंजीयन किया जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया, इस साल 50 हजार मीट्रिक टन दलहन खरीदने का लक्ष्य तय हुआ
है। सरकार ने छत्तीसगढ़ के निवास प्रमाण पत्र बनाने के नियमों में भी बदलाव किया
है। बताया गया कि इस तरह की शिकायतें थीं कि दूसरे प्रदेशों से आकर यहां बसे लोग
भी पुराने नियमों का फायदा उठाकर निवास प्रमाणपत्र बनवा ले रहे थे। अब किसी संस्था
में प्रवेश के लिए अथवा सरकारी सेवा के लिए निर्धारित योग्यता के साथ-साथ छत्तीसगढ़
राज्य के किसी शैक्षणिक संस्थान से पहली, चौथी और पांचवी कक्षा की पढ़ाई का प्रमाण अनिवार्य
कर दिया गया है। अन्य मामलों में भी पहली, चौथी और पांचवी की परीक्षा शैक्षणिक योग्यता में
जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले कक्षा आठवीं का प्रमाण मांगा जाता था।
पेशा नियमों से जुड़े सवाल पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, वह
विस्तृत नियम है। उसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब उसपर काम शुरू हो जाएगा। यह
कानून अधिसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को सशक्त करेंगी। इसकी मांग लंबे समय से
की जा रही थी। समुदायों से कई दौर की चर्चा के बाद इसे तैयार किया गया है।इस साल
राजकीय हेलीकॉप्टर की दुर्घटना में दिवंगत हुए वरिष्ठ पायलट कैप्टन गोपाल कृष्ण
पंडा की पत्नी डाॅ. अलका पंडा को स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर
विशेष अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया। सरकार ने संविदा नियुक्ति
नियम को शिथिल कर कर्नल रजनीश शर्मा की संविदा नियुक्ति एक साल के लिए बढ़ा दी है।
कर्नल शर्मा एसटीएफ बघेरा में पुलिस उप महानिरीक्षक हैं। राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को
बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी बनाई जाएगी। इसके तहत
कॉमर्शियल व नॉन कॉमर्शियल दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के परिचालन को बढ़ावा
दिया जाएगा। दो पहिया, तिपहिया, चार पहिया, माल वाहक, यात्री वाहन और अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की
खरीदी पर विभिन्न छूट व सुविधाएं मिलेंगी। इस नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों की आसान चार्जिंग सुविधा उपलब्ध
कराने के लिए चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। ईवी मालिकों को
नेशनल और स्टेट हाइवे में एक निश्चित अंतराल पर चार्जिंग प्वाइंट्स उपलब्ध होंगे।
किसानों की आय
बढ़ाने और राज्य में दलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की दिशा में काम होगा। इसके लिए
राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अरहर, उड़द व मूंग फसलों का उपार्जन
किया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राइस मिलों को प्रोत्साहन
राशि देने के लिए 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कस्टम मिलिंग शुल्क के साथ किया जाएगा। शेष
50
प्रतिशत राशि
का भुगतान केन्द्रीय पुल में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ण मात्रा के जमा होने के
पश्चात किया जाएगा। राज्य सरकार की बिजली बिल हाफ
योजना का विस्तार होगा। इसमें नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना के तहत स्थापित किए जा रहे गौठानों व
ग्रामीण औद्योगिक पार्क को भी शामिल किए जाएंगे। इसमें दिए गए विद्युत कनेक्शन के
लिए बिल में 50% की रियायत मिलेगी।
गोधन न्याय
योजना अंतर्गत प्रदेश के गौठानों में जन भागीदारी के लिए गौठान प्रबंधन समितियों
का चयनित एनजीआई और एनजीओ के माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स
(आत्मा) योजना के प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। गौठान के
विकास एवं रख-रखाव के लिए गोधन न्याय योजना अंतर्गत बजट प्रावधान में से 3% राशि प्रशासकीय मद में निर्धारित
करने का निर्णय लिया गया। गोठानों से संबद्ध स्व सहायता
समूहों एवं प्राथमिक सहकारी समितियों को कम्पोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और
वार्षिक कम्पोस्ट विक्रय पर बोनस राशि मिलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य में मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना
को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पंज आयरन
एण्ड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण का
निर्णय लिया गया।
आवास एवं
पर्यावरण विभाग अथवा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की ओर से
अनुमोदित आबंटियों के संघ /सोसायटी को कालोनी के सामान्य क्षेत्र अंतरित करने पर
लगने वाले स्टाम्प ड्यूटी को 10 हजार एवं पंजीयन शुल्क 5 हजार रुपए किया गया। यह छूट संचालक नगर तथा ग्राम निवेश
या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित काॅलोनी के सामान्य क्षेत्र के
पंजीयन पर दी जाएगी। नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले
लोगों को शासकीय भूमि का आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और गैर रियायती व रियायती
स्थाई पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तित करते समय देय राशि के आधार पर
स्टाम्प शुल्क, पंजीयन शुल्क तथा नगरीय निकाय शुल्क में बड़ी राहत देते हुए छूट की
अवधि को 31 मार्च 2022 से बढ़ाकर 31 मार्च 2023 तक की गई। नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आबंटन, व्यवस्थापन और भूमि स्वामी
अधिकार में हस्तांतरित किए जाने वाले विलेखों पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत व उपकर में छूट प्रदान
की जाकर अधिकतम 2 हजार रुपए निर्धारित की गई। इसी तरह आबंटन, व्यवस्थापन और भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरित किए
जाने वाले विलेखों पर देय पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत में छूट प्रदान की जाकर अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया। आबंटन, व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन पर देय स्टाम्प
शुल्क पर एक प्रतिशत अतिरिक्त (नगरीय निकाय) शुल्क को पूर्णतः माफ करने का निर्णय
लिया गया।
खेल और रोजगार :- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 20वां वार्षिक प्रतिवेदन ( 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक की अवधि का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) (पेसा)
नियम-2022
के प्रारूप का
अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन तथा राजीव
मितान क्लब योजना के लिए उपकर राशि लिए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ उपकर (संशोधन)
विधेयक 2022 के प्रारूप अनुमोदन किया गया। लोक सेवा आयोग के माध्यम से खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत खेल
अधिकारी, प्रशासक, सहायक संचालक एवं युवा कल्याण अधिकारी के कुल 5 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की
चयन सूची को विशेष प्रकरण मानते हुए वैद्यता अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
क्रमोन्नति व अन्य छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय वन सेवा के 30 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण कर
चुके 1988
से 1991 बैच तक के अपर प्रधान मुख्य वन
संरक्षक के पद पर पदस्थ अधिकारियों को गैर कार्यात्मक आधार पर प्रधान मुख्य वन
संरक्षक के समकक्ष स्केल प्रदाय करने का निर्णय लिया गया। राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2013 बैच के अधिकारियों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान से प्रवर
श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ में मोलासिस (शीरा) के उपयोग को विनियमित करने के लिए
छत्तीसगढ़ मोलासिस (शीरा) नियंत्रण एवं विनियमन नियम 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।