November 02, 2022


उड़ीसा से आए लोक कलाकारों ने दी घुड़का नृत्य की प्रस्तुति

रायपुर| आदिवासी महोत्सव एवं राज्योत्सव में उड़ीसा से आए लोक कलाकारों ने घुड़का नृत्य की प्रस्तुति दी। उड़ीसा की घुमंतु जनजाति लकड़ी और चमड़े से बने वाद्ययंत्रों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पश्चिमी ओडिसा के कलाकारोंने अपने परंपरागत् परिधानों में सज-धजकर घुड़का गीत गाते हुये नृत्य किया। इस नृत्य में लकड़ी और चमड़े से बने वाद्य यंत्र घुड़का का उपयोग किया जाता है। नृत्य में पुरूष और महिला दोनों शामिल होते है। नृत्य समूह की महिलायें कपटा (साड़ी), हाथों में भथरिया और बदरिया, गले में पैसामाली, भुजाओं में नागमोरी पहन कर नृत्य करती है। इसी प्रकार पुरूष लंगोट (धोती) और सिर में खजूर की पत्ती से बनी टोपी विशेष रूप से पहनते है। काजल से अपने चेहरे पर विभिन्न प्रकार की आकृतियां नर्तक बनाते हैं। घुड़का जनजाति घुमन्तु प्रजाति है, इस नृत्य का प्रदर्शन वे जंगल से बाहर भ्रमण के दौरान आम लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। यह जनजाति भोजन से लेकर अन्य जरूरतों के लिए पूरी तरह वन संसाधनों पर निर्भर रहती है। ये अपने परंपरागत् देवी-देवाताओं में गहरी आस्था रखते हैं।


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