मुंबई : बॉलीवुड के गुजरे जमाने के शानदार एक्टर और दिवंगत फारुख शेख आज ही के दिन 25 मार्च 1948 को गुजरात में पैदा हुए थे। 'चश्मे बद्दूर', 'उमराव जान', 'नूरी' जैसी फिल्मों में नजर आए फारुख शेख नाटक से लेकर टेलिविजन और फिल्मों की दुनिया में अपनी उम्दा एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। एक्टिंग केवल उनका खाने-कमाने का जरिया कभी नहीं रहा बल्कि वो पैशन था जिसके बिना जिंदगी अधूरी थी। उनकी इसी खूबी ने उन्हें आज भी फैन्स के दिलों में जिंदा रखा है और कला की बात जब-जब होगी उनका नाम जरूर लिया जाएगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपनी डेब्यू फिल्म के लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली थी। वैसे अपनी पहली ही फिल्म के लिए पैसे न लेने के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल 1975 में रिलीज हुई ये फिल्म 'गरम हवा' के डायरेक्टर एमएस सथ्यू को एक ऐसे हीरो की तलाश थी जो बिना फीस के काम करने को तैयार हों। फारुख को भी एक्टिंग का जुनून था और जैसे ही उन्हें ये बात पता लगी वो फिल्म के लिए झट से तैयार हो गए। बताया जाता है कि करीब 5 साल बाद उन्हें अपनी फीस मिली थी और यहां ये भी बता दें कि उनकी पहली कमाई 750 रुपये थी। मुंबई के सबसे बड़े कॉलेज से पढ़ाई, वकालत में नहीं लगा मन फारुख ने मुंबई के सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाई की और फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज में एडमिशन लिया था। वकालत का सोचकर उन्होंने सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ से कानून की पढ़ाई की और कुछ समय तक उन्होंने वकालत भी की, लेकिन फिर इस काम में बिल्कुल मन नहीं लगा। एक्ट्रेस दीप्ति नवल के साथ खूब जमी फारुख की जोड़ी फिल्म 'गरम हवा' के बाद वो'शतरंज के खिलाड़ी', 'नूरी', 'चश्मे बद्दूर', 'किसी से न कहना' जैसी फिल्मों में नजर आए। फारुख शेख की जोड़ी एक्ट्रेस दीप्ति नवल के साथ लोगों ने सबके अधिक पसंद की थी। की जोड़ी को फैंस का बेशुमार प्यार मिला। दोनों ने साथ में कई हिट फिल्में दीं, जिनमें 'किसी से न कहना', 'कथा', 'रंग-बिरंगी', 'चश्मे बद्दूर' और 'साथ-साथ' जैसी फिल्में थीं। वहीं टीवी सीरियल्स की बात करें तो 'श्रीकांत', 'चमत्कार' और 'जी मंत्रीजी' जैसे शोज का भी हिस्सा रहे हैं। सलमान से लेकर रणबीर कपूर के साथ किया काम सलमान खान को अपनी डेब्यू फिल्म 'बीवी हो तो ऐसी' में फारुख शेख के साथ काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में फारुख सलमान के बड़े भाई की भूमिका में थे और रेखा वाइफ के रोल में थीं। उनके बड़े भाई का रोल प्ले किया था। फारुख रणबीर कपूर के साथ भी नजर आ चुके हैं। फारुख शेख फिल्म 'ये जवानी है दीवानी' में रणबीर कपूर के पिता के रोल में नजर आए थे। फारुख के कुर्ते के पीछे ये थी कहानी फारुख को अधिकतर उनके फैन्स ने सफेद कुर्ते में देखा है और इसकी कहानी भी बड़ी मजेदार है। वह 30 साल से एक ही जगह से कुर्ता खरीदा करते थे। अक्सर चिकनकारी वाले सफेद कुर्ते में दिखते थे और वो एक ही जगह से अपने लिए कुर्ता खरीदा करते थे। लखनऊ के जिस सेवा एनजीओ से अपना कुर्ता खरीदा करते थे उसे रुना बनर्जी चलाया करती थीं। रुना ने टीओआई से बातचीत में बताया था कि उनका कुर्ता कस्टम मेड होता था। इसकी शुरुआत हुई थी फिल्म 'अंजुमन' की शूटिंग से जो चिकनकारी वर्क्स पर बेस्ड थी। उन्होंने बताया था कि जब भी उनके लिए कुर्ता बनता तो उसकी कीमत 2500 से 3000 के बीच होती थी लेकिन फारुख हमेशा 500 रुपये ज्यादा दिया करते थे और कई बार उनका बिल 70-80 हजार तक भी पहुंच जाता था। शबाना आजिमी को समझ लिया था उनकी बीवी फारुख शेख और शबाना आजमी की गहरी दोस्ती थी और कॉलेज के दिनों से वे साथ नाटक किया करते थे। कला ने उन्हें साथ-साथ फिल्मी पर्दे पर जिंदा रखा और दोनों की दोस्ती आखिर तक कायम रही। शबाना आजिमी को लेकर एक मजेदार किस्सा है। बताया जाता है कि एक बार दोनों कहीं जा रहे थे तो रास्ते में भीख मांगने वाले को फारुख ने 50 पैसे दिए। भिखारी ने कहा- खुदा आपकी जोड़ी सलामत रखे और ये सुनते ही एक्टर ने कहा था- ऐसी बद्दुआ देनी हो तो पैसे लौटा दो। उनके ये अंदाज देखकर शबाना भी चौंकी थीं और फिर खूब हंसी थीं। फारुख शेख ने रूपा जैन से शादी रचाई थी फारुख शेख ने रूपा जैन से शादी रचाई थी। बताया जाता है कि दोनों पढ़ाई के दौरान ही कॉलेज में मिला थे और ये उनका पहली नजर वाला प्यार था। इस प्यार को 9 साल बीत गए जब रिलेशनशिप के बाद दोनों ने शादी का शादी करने का फैसला किया। फारुख और रूपा को 2 बेटियां हुईं। दुबई हॉलीडे बन गया आखिरी सफर फारुख ने असमय निधन ने इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया। फारुख तब अपने परिवार के साथ दुबई हॉलिडे पर गए थे और यही उनका आखिरी पल बन गया। 28 दिसंबर, 2013 को फारुख ने वहीं दुबई में कार्डिएक अरेस्ट की वजह से दम तोड़ दिया और तब वह केवल 65 साल के थे।