रायपुर : होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री
विष्णु देव साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ जशपुर जिले के कांसाबेल
विकासखंड स्थित ग्राम टाटीडांड पहुँचे, जहाँ उन्होंने
सनातन समाज के दुर्गा देवी संत समाज द्वारा आयोजित वार्षिक अनुष्ठान में भाग लिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख,
समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
कार्यक्रम में गुरु महाराज स्व. श्री धनपति पंडा के
पुत्र श्री सहदेव पंडा की विशेष उपस्थिति रही। यह अनुष्ठान हर वर्ष फाल्गुन माह
में होली के पावन पर्व पर आयोजित किया जाता है, जिसमें
मुख्यमंत्री श्री साय अनेक वर्षों से शामिल होते रहे हैं।
होली भाईचारे और खुशियों का पर्व – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को होली की हार्दिक
शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का पर्व है।
उन्होंने कहा कि टाटीडांड में सनातन समाज द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान परंपराओं और
सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने का माध्यम है, जिससे समाज
में समरसता बनी रहती है।
शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश में विकास की नई रफ्तार
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर? पर राज्य सरकार की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को आवास
उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसानों से देश में सर्वाधिक मूल्य पर धान खरीदी की जा
रही है, जिससे कृषि समृद्ध हो रही है। महतारी वंदन योजना के
तहत 70 लाख महिलाओं को हर माह ₹1000 की
सहायता राशि दी जा रही है, जिससे महिलाओं के आर्थिक
सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
महाशिवपुराण कथा के लिए आमंत्रण
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 21 मार्च से 27 मार्च तक कुनकुरी विकासखंड में देश के
सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग स्थल मधेश्वर पहाड़ के समीप महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक
पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी कथा का वाचन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों
से इस दिव्य आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या
साय ने भी होली की शुभकामनाएं देते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इस
तरह के आयोजन सामाजिक एकता को मजबूत करते हैं और लोगों में आध्यात्मिक ऊर्जा का
संचार करते हैं। इस अवसर पर सनातन समाज के श्रद्धालु और स्थानीय ग्रामीण बड़ी
संख्या में उपस्थित थे।