रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर
जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी स्थित मयाली
नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन
सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक
(स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड
वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण
किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा,
बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पोंटून बोट में सवार
होकर मधेश्वर महादेव के विहंगम दृश्य का अवलोकन किया और कहा कि मयाली एडवेंचर ज़ोन
अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहाँ एक्वा साइक्लिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग
जेटी, बम्पर बोट जैसे एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई है।
तीन नए पर्यटन सर्किटों की झलक
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिन तीन प्रमुख पर्यटन
सर्किटों का लोकार्पण किया गया, वे जशपुर की
विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं। स्पिरिचुअल और हेरिटेज सर्किट कोतेबीरा से
शुरुआत होती है, जो तमता, कैलाश गुफा,
मधेश्वर पहाड़, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थलों से होकर गुजरता है—यह
सर्किट श्रद्धा, विरासत और जनजातीय परंपराओं की अनमोल झलक
पेश करता है।
प्राकृतिक एवं वन्य जीव सर्किट उन पर्यटकों को
आकर्षित करेगा जो प्रकृति की गोद में सुकून तलाशते हैं। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से
लेकर सारुडीह का चाय बागान तक शामिल हैं—प्राकृतिक धरोहरों
से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा।
साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच के शौकीनों को आकर्षित
करेगा। इसमें दनगरी कैम्प साइट, बेलवार जलप्रपात,
देशदेखा हिल कैम्प, सरना ईको एथेनिक रिसोर्ट
और क्लाइम्बिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रेकिंग,
क्लाइम्बिंग और नेचर-कैम्पिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श
स्थान बनेंगे।
जनजातीय युवाओं के लिए पर्वतारोहण
अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय
युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त युवा वापस
लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पर्यटन
और युवाशक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय से अभियान में जाने वाले बच्चों
ने मिलकर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें ये अनोखा अवसर प्राप्त हुआ
है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों
के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने
अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराने की इच्छा दर्शाई थी जिसे तुरन्त
आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। उसने किलीमंजारो फतह किया। इसी तरह आपको भी खूब
मेहनत कर राज्य का नाम ऊंचा करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा अब हमारी पारी
है हम भी राज्य को गौरवान्वित करेंगे।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा—पर्यटन ने बदली जिंदगी
मयाली नेचर कैम्प में कार्यरत लक्ष्मी एवं तुलसी
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया। उन्होंने
बताया कि पर्यटन की वजह से अब उन्हें नियमित आय मिल रही है और बच्चों को भी रोजगार
के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की काष्ठ-निर्मित कलाकृति भेंट कर
मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहल पर्यटन को सिर्फ सैर
नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बना रही है। जशपुर
की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और जनजातीय आत्मबल
को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है।