रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने युवाओं के रोजगार के लिये बेहतर योजना बनाकर कार्य किया। 4 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार एवं सरकारी नौकरी के माध्यम से रोजगार दिये। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद युवाओं के सरकारी नौकरी में भर्ती के द्वार खोले गये। नियमित और अनियमित दोनों प्रकार की भर्तियां निकाली गयी। राज्य लोकसेवा आयोग के माध्यम से 2885 नौकरियां व्यापम के माध्यम से 4530 नौकरियां, 14580 शिक्षकों की भर्तियां, बिजली कंपनी में 3000 नौकरियां, स्वास्थ्य विभाग में 4000 नौकरियां, पुलिस विभाग में 8292 नौकरियां, राजस्व विभाग में 392 नौकरियां, वन विभाग में 3861 नौकरियां, महिला एवं बाल विकास विभाग में 800 से अधिक भर्तियां, 250,000 विभिन्न विभागों में नियमित भर्तियां की गयी, 44 विभागों में 3155 अनुकंपा नियुक्तियां, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज 1041 अन्य मेडिकल कॉलेजों में 230 नियुक्ति कृषि उद्यानिकी में 1200 नियुक्तियां इसके अलावा 147000 अनियमित को नियमित कर रोजगार दिया। यह तो सरकारी विभागों के रोजगार है। कांग्रेस सरकार ने 14 लाख परिवारों को वन के माध्यम से रोजगार से जोड़ा तथा 26 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया। 59175 बुनकरों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया गया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा शुरू किए गए रोजगार मूलक कार्यों का नतीजा है कि आज प्रदेश में बेरोजगारी दर 0.2 प्रतिशत है और यही भाजपा के लिए पीड़ा का विषय है कांग्रेस की सरकार ने रोजगार स्वरोजगार और सरकारी नौकरी के माध्यम से लगभग 5लाख युवाओं को रोजगार देने में सफलता अर्जित की है और आने वाले रोजगार मिशन के माध्यम से 5 साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य भी रखा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार के गलत नितियो के चलते भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है यहां कामकाजी उम्र के 60 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं। 20 से 24 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं बीते 8 साल में केंद्र सरकार के पास 22 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया बेरोजगारी की मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ी है 26 प्रतिशत महिलाओं का लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट गिरकर 15 प्रतिशत तक आ गया है। केंद्र और राज्य सरकारों के 60लाख सरकारी पद रिक्त है इस पर नियुक्ति क्यों नहीं करवाई जा रही है? सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले छोटे लघु मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार के पास कोई नीति क्यों नहीं है ? निजी क्षेत्रों में निवेश बंद है केन्द्र सरकार की नीतियों पर उनको भरोसा नहीं है युवाओं को स्थाई रोजगार देने के बजाय 4 साल के ठेके पर रखकर 23 वर्ष की आयु में रिटायर करने का षड्यंत्र क्यों किया जा रहा है? मोदी सरकार को वायदे के अनुसार साढ़े 8 साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार देना था नहीं दिया।