रायपुर : मुख्यमंत्री
श्री विष्णु देव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान विश्रामगृह में आत्मसमर्पित
नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युवाओं से संवाद किया। ये युवा छत्तीसगढ़ शासन के
पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में भर्ती होकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे
हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नक्सल संगठन को छोड़कर पुनर्वास नीति से
लाभान्वित होने वाले युवाओं से मिलकर खुशी जाहिर की और कहा कि बस्तर अब शांति की
ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री श्री
साय ने कहा कि विगत दिवस नक्सलियों की हिंसा के शिकार 55 से ज्यादा नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली जाकर
महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु एवं केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह
से मिले और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली
हिंसा के शिकार लोगों की बातों को सुनकर बहुत ही दुख लगा कि निर्दाेष लोग हिंसा के
शिकार हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री
साय से संवाद के दौरान नक्सली पीड़ित नव आरक्षक सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता की
नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत वे
आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए है। शासन के पुनर्वास नीति नक्सल पीड़ित परिवार के लिए
वरदान साबित हो रही है।वहीं चेरकंटी निवासी श्री मंगल मोड़ियम पूर्व में 19 वर्षों तक नक्सल संगठन में शामिल था।
माओवादियों के खोखली विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जिन्हें
पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। श्री मंगल मोड़ियम ने बताया
कि बस्तर, बीजापुर में शांति स्थापित होना जरूरी है।
भोले-भाले आदिवासियों का नक्सलियों द्वारा जल, जंगल, जमीन के नाम पर गुमराह किया जाता है।
इस अवसर पर
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह,
जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, बस्तर
सांसद श्री महेश कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक श्री चैतराम अटामी,
पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, बस्तर कमिश्नर
श्री डोमन सिंह बस्तर आईजी श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्री
संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार उपस्थित थे।