रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा मंजूर कर लिया है। इसके लिए 27 जुलाई यानी मानसून सत्र के अंतिम दिन का समय तय किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर दोनों पक्षों को सुनने के बार विधानसभा अध्यक्ष ने इसपर चर्चा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस बीच सरकार ने इस साल का पहला अनुपूरक बजट पेश कर दिया है। इसपर शुक्रवार को चर्चा की जानी है। इससे पहले सदन में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे पर बवाल हुआ, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना का काम पूरा नहीं होने को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा। शून्यकाल में विपक्ष खाद-बीज संकट और किसानों की परेशानी को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया। सरकार की ओर से वक्तव्य आया, लेकिन विपक्ष काम रोककर चर्चा की मांग पर हंगामा करता रहा। बाद में सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया गया। भोजनावकाश के बाद ध्यानाकर्षण के जरिए कई मुद्दे उठाए गए। सत्र के दूसरे दिन का प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, पंचायत विभाग का प्रश्न है और पंचायत मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। सिंहदेव के विभाग के सवाल पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा विधायकों ने आपत्ति की। वहां से मामला संभला तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना पर सवाल उठाए। उनका कहना था, इसी प्रश्न की वजह से सिंहदेव को इस्तीफा देना पड़ा है। इस प्रश्न पर खूब हंगामा हुआ। उसके बाद भाजपा ने सदन से वॉक आउट किया।प्रश्नकाल में दूसरा ही प्रश्न स्वास्थ्य विभाग से आया। भाजपा के रजनीश सिंह के सवाल पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा विधायकों ने आपत्ति की। अजय चंद्राकर ने कहा, मंत्री इस्तीफा दे चुके तो क्या विभाग की जिम्मेदारी दी है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, मंत्री नहीं हैं। उनकी जगह पर उन्होंने अधिकृत किया है। अजय चंद्राकर ने पूछा जो व्यक्ति इस्तीफा दे चुका वह अधिकृत कैसे कर सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, मुख्यमंत्री ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में वे अब भी मंत्री हैं। रविंद्र चौबे ने कहा कि मंत्री ने अपने पत्र में इस्तीफा शब्द का उपयोग किया ही नहीं है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले का निपटारा होना चाहिए, मुख्यमंत्री भी यहां हैं। उनका जवाब आना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था संबंधी कोई प्रश्न नहीं उठाया जा सकता, बाद में प्रश्नकाल शुरू हुआ। खाद बीज संकट पर भी बवाल हुआ :- भाजपा ने खाद-बीज के संकट को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया। शून्यकाल में शुरू हुआ मामला बहस नहीं पहुंचा। उसकी ग्राह्यता को लेकर ही बवाल हो गया। विपक्ष के आरोपों का सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा कर दिया। वे 15 साल रही भाजपा की सरकार के समय के मामले गिनाने लगे। इन सबके बीच काफी वक्त लगा। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दिया। भोजनावकाश का समय भी 4 बजे खत्म होगा। आबकारी की कंसल्टेंसी पर भी सवाल उठे :- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल पर मोहम्मद अकबर ने बताया, मंत्रिपरिषद के आदेश पर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन को झारखंड के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। इसके बाद सदन में हंगामा हुआ। कहा गया कि वहां क्या सलाह देगी। सरकार क्या अब देश भर में शराब बिक्री की भी विशेषज्ञ हो गई है। धर्मजीत सिंह ने पूछा कि इसके लिए झारखंड सरकार ने मांग की थी या छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी ओर से ही उनको प्रस्ताव दिया था। जवाब में बताया गया, झारखंड सरकार के अधिकारी यहां की व्यवस्था देखने आए थे। उसके बाद झारखंड सरकार की ओर से इसकी मांग आई। कैबिनेट में विचार के बाद इसको मंजूरी दी गई। उसके बाद आबकारी विभाग ने अफसरों को कंसल्टेंट नियुक्त किया है।