बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सलियों का एक और पत्र
सामने आया है। जारी पत्र में नक्सलियों ने कई खुलासे किए हैं जिनमें माड़ ईलाके में
ग्राम सभा कर 130 से ज्यादा लड़ाकों को संगठन में भर्ती और हथियार चलाने, आईईडी बनाने के तरीके सिखाने की बात लिखी हुई है। 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली लीडर सुधाकर उर्फ मुरली का मंगलवार 25 मार्च को एनकाउंटर हुआ। इसके पास से पुलिस को एक पत्र मिला है।
नक्सलियों
के एक पत्र से खुलासा हुआ है कि, माड़ ईलाके में नक्सलियों ने ग्राम सभा कर 130 से ज्यादा लड़ाकों को संगठन में भर्ती किया है। इनमें 18 से 22 उम्र के 50, 14 से 17
साल के 40 और 9, 10 और 11
साल के 40 बच्चे नक्सल संगठन में भर्ती हुए
हैं। हालांकि नक्सलियों के बड़े लीडर्स वर्तमान में इन्हें लड़ने के योग्य नहीं बता
रहे हैं। साथ ही जिसमें नक्सल संगठन में नए लड़ाकों की भर्ती और उन्हें लड़ाई के गुर
सिखाने, हथियार चलाने, आईईडी बनाने के
तरीके सिखाने की बात लिखी हुई है।
तेलगु भाषा में लिखा है पत्र
पत्र
तेलगु भाषा में लिखा हुआ है। पत्र में लिखा है कि, कुछ दिन पहले नक्सलियों की उत्तर बस्तर ब्यूरो में CC,
DKSZC कैडर के नक्सलियों की हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में
नक्सल संगठन के काम, नुकसान, कामयाबी
और चुनौतियों की समीक्षा की गई और उसकी रिपोर्ट तैयार की गई। जिसमें हाल ही में
नक्सल संगठन में हुई भर्ती का जिक्र है। साथ ही नक्सल संगठन इस बात से परेशान है
कि नए लड़ाके अब संगठन में भर्ती नहीं हो रहे हैं। युवक-युवतियों को संगठन में
भर्ती करवाना मुश्किल हो गया है। पत्र में लिखा है कि कुछ महीने पहले माड़ इलाके
में ग्राम सभा कर जितने को भर्ती किया गया था वह अंतिम भर्ती थी। जो भर्ती हुए हैं
वे अभी लड़ने योग्य नहीं हैं। अभी फाइटर्स चाहिए। उन्हें नक्सल नीति, राजनीति, लड़ाई लड़ने की ट्रेनिंग दी गई है।
संगठन के अधिकांश नक्सलियों ने किया सरेंडर
नक्सली
नेता के इस पत्र से सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है की जो लोग संगठन में हैं उनमें
अधिकांश ने सरेंडर कर दिया और कुछ मारे गए हैं। यदि नक्सल संगठन में नई भर्ती नहीं
होती है तो नक्सलवाद का अस्तित्व खतरे में है। लड़ाई लड़ने में मुश्किल होने का
जिक्र है। इस पत्र को अलग-अलग एरिया कमेटी में भेजा गया है। उन्हें नई भर्ती और
मीटिंग में हुई समीक्षा की जानकारी दी गई है।नक्सलियों का यह 4 पन्नों का लेटर है। जिसमें तेलगु भाषा में हाथ से नीली स्याही से 4
पन्नों में उनका लेखा-जोखा लिखा हुआ है।
युवाओं को थमाया गया हथियार
पहले पेज
के दूसरे पहराग्राफ में लिखा है कि माड़ डिवीजन के इंद्रावती एरिया कमेटी और नेलनार
एरिया में 130 लोगों की नई भर्ती हुई है। जिन्हें गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दिया गया
हैं,18 से 22 उम्र के युवक-युवतियों को
हथियार थमाया गया है। लेकिन, 9 से 17 उम्र
तक के अभी बच्चे हैं। उन्हें पढ़ाई करवाई गई है। जो अनपढ़ हैं उन्हें अक्षर ज्ञान
दिया गया है। भौगोलिक स्थिति के बारे में, नक्सल संगठन,
नक्सलवाद के इतिहास और क्रांति के बारे में जानकारी देने की बात
लिखी है। साथ ही हर एरिया कमेटी में नई भर्ती करवाने की बात लिखी हुई है।
इजाजत के बगैर गाँव जाने की अनुमति नहीं
नक्सली
के इस पत्र में लिखा है कि, यदि कोई युवक-युवती नक्सल संगठन में शामिल होते हैं,
हथियार पकड़ते हैं, तो वे अब गांव न जाएं।
क्योंकि उन्हें डर है कहीं लड़ाके सरेंडर न कर दें। या फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार न
कर दें। इसलिए नक्सलियों ने फरमान जारी किया है कि यदि नक्सलियों को उनकी पत्नी,
या माता-पिता से मिलने का मन हो तो उन्हें जंगल में ही उनके ठिकाने
पर बुला दिया जाएगा। फिर भी कोई जाता है तो वो इसकी जानकारी संगठन के बड़े लीडर के
दे। उसकी इजाजत के बगैर जाने की अनुमति नहीं होगी।
एनकाउंटर से दहशत में नक्सल संगठन
नक्सलियों
ने 25 लाख रुपए
के जिस इनामी नक्सली सुधाकर को मारा है वो संगठन के एजुकेशन डिपार्टमेंट का था।
नक्सलियों को अक्षर ज्ञान से लेकर उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का काम
करता था। बस्तर में नक्सलियों की स्कूल, नए भर्ती के आंकड़े,
किसे क्या ट्रेनिंग देनी है इसकी जानकारी इसी के पास थी और ये यही
काम करता था। नक्सल संगठन में एनकाउंटर से दहशत भी है। नए युवक-युवती संगठन में
भर्ती नहीं होना चाहते हैं। नक्सलियों ने पत्र में लिखा है कि यदि 100 से 200 नए भर्ती हुए हैं और इनमें से 15 से 20 संगठन छोड़ रहे हैं तो संगठन को कोई फर्क नहीं
पड़ेगा। लेकिन 50, 60 या फिर इससे ज्यादा संगठन छोड़ते हैं तो
माओवाद संगठन कमजोर होगा और उनका उद्देश्य पूरा नहीं होगा।