कवर्धा : सतपुड़ा पर्वत की मैकल पहाड़ी
श्रृंखलाओं से घिरे सुरम्य और ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर के प्रांगण में 29वां दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। महोत्सव के
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर और मंत्रोचार के बीच भगवान
भोरमदेव की पूजा अर्चना के साथ हुई। महोत्सव का उद्घाटन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री
श्री विजय शर्मा, राजस्व एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा,
सांसद श्री संतोष पाण्डेय और पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने
दीप जलाकर और विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर किया। इस मौके पर प्रदेशभर से आए
श्रद्धालुओं और दर्शकों की भारी भीड़ ने आयोजन में भाग लिया, जिससे
माहौल भक्तिमय और उत्सवमय हो गया। उद्घाटन समारोह के पहले दिन, प्रख्यात भजन गायक श्री हंसराज रघुवंशी ने भव्य प्रस्तुति दी। उनकी भक्ति
भावना से ओत-प्रोत भजनों ने न केवल श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि महोत्सव के महत्व को और बढ़ा दिया। श्री हंसराज रघुवंशी ने “बाबा भोरमदेव“ और “भोलेनाथ
बाबा“ के भजनों से मंदिर परिसर में भक्तिरस की लहर दौड़ा दी।
भोरमदेव महोत्सव जो वर्षों से इस मंदिर में आयोजित किया जा रहा है, इस बार भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव बनकर उभरा।
भोरमदेव महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री श्री विजय
शर्मा ने कहा कि भोरमदेव महोत्सव छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। ऐसे
आयोजनों से न केवल राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूती मिलती है,
बल्कि यह प्रदेशवासियों को अपनी समृद्ध परंपराओं से जुड़ने का भी एक
अद्भुत अवसर प्रदान करता है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने आज पवित्र तिथि तेरस
में भोरमदेव महोत्सव के शुभ अवसर बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की
सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत आज भोरमदेव
मंदिर परिसर सहित आसपास के ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण, संवर्धन
और सुरक्षा के लिए 146 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि भोरमदेव मंदिर, रामचुआ, मड़वा महल, छेरकी महल और सरोधा जैसे ऐतिहासिक एवं
सांस्कृतिक महत्व के स्थलों को विकसित करने के लिए इस राशि का उपयोग किया जाएगा।
इस योजना के तहत भोरमदेव क्षेत्र के धार्मिक, सांस्कृतिक और
पर्यटन दृष्टिकोण से महत्व को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।
उन्होंने इस महत्वपूर्ण योजना को स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का आभार व्यक्त किया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि 146 करोड़
रूपए से भोरमदेव मंदिर परिसर का विस्तार और उन्नयन, मंदिर की
ऐतिहासिक संरचना को मजबूत किया जाएगा और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए विशेष कार्य
किए जाएंगे। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बेहतर की
जाएंगी कांवड़ियों के ठहरने के लिए विशेष शेड का निर्माण किया जाएगा। हर साल हजारों
की संख्या में कांवड़ यात्री भोरमदेव आते हैं, उनकी सुविधा को
ध्यान में रखते हुए ठहरने के लिए आधुनिक शेड बनाए जाएंगे। शेड में पेयजल, स्वच्छता, बैठने और आराम करने की उचित व्यवस्था
होगी। मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण एवं संरचनात्मक सुधार कार्य, मंदिर के चारों ओर के खुले क्षेत्रों को हरा-भरा और आकर्षक बनाया जाएगा।
पैदल पथों, बैठने की जगहों और परिक्रमा मार्ग को बेहतर किया
जाएगा। मंदिर के तालाब का सौंदर्यीकरण, तालाब की सफाई,
किनारों को व्यवस्थित करने के साथ-साथ इसे एक सुंदर पर्यटन स्थल के
रूप में विकसित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के पूर्ण होने के
बाद भोरमदेव क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन के एक
प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। इससे न केवल स्थानीय व्यापार और
रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्र की
सांस्कृतिक धरोहर भी सुरक्षित रहेगी।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कवर्धा में भोरमदेव संस्था पीठ
दिल्ली आईएएस कवर्धा के रूप में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क
उच्च स्तरीय कोचिंग शिक्षा प्रारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह योजना
युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जिससे
उन्हें राज्य एवं केंद्र सरकार की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक
मार्गदर्शन और संसाधन मिल सकेंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में
भोरमदेव महोत्सव को और अधिक भव्य एवं आकर्षक बनाया जाएगा, जिससे
यह महोत्सव छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध
धार्मिक आयोजन बन सके। उन्होंने इस महोत्सव को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक एकता और
समृद्धि का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर
का प्रचार-प्रसार करने का एक अद्वितीय अवसर है। इस आयोजन से न केवल राज्य की
सांस्कृतिक पहचान को मजबूती मिलती है, बल्कि यहां पर्यटन के
क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होती है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु और
पर्यटक महोत्सव में शामिल होते हैं।
राजस्व एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि यह उनका भोरमदेव
महोत्सव में शामिल होने का पहला अवसर है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद
पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रदेश के
विकास के साथ-साथ संस्कृति के संवर्धन हेतु किए गए प्रयासों की सराहना की। मंत्री
श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्राचीन
मल्हार महोत्सव, तातापानी महोत्सव और चक्रधर समारोह जैसे
सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन आयोजनों के माध्यम से प्रदेश
सरकार ने न केवल लोक संस्कृति को सम्मानित किया है, बल्कि
सभी संस्कृतियों को संजोने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया है। उन्होंने कहा कि राज्य
में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पूर्व
संकल्पों को पूरा करते हुए कला और संस्कृति के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए
गए हैं। उन्होंने इस दिशा में सार्थक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
को धन्यवाद दिया। उन्होंने भोरमदेव महोत्सव की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि
इस तरह के आयोजन प्रदेशवासियों को एकजुट करते हैं और धार्मिक, सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देते हैं। भोरमदेव महोत्सव न केवल धार्मिक
आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक
विरासत को भी उजागर करता है। सांसद श्री संतोष पाण्डेय और विधायक श्रीमती भावना
बोहरा ने भी इस आयोजन को ऐतिहासिक और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के लिए बेहद
महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर विशेष रूप से पधारे श्री राजीव लोचन जी महाराज,
साजा विधायक श्री ईश्वर साहू, जिला पंचायत
अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, श्री राजेन्द्र चंद्रवंशी,
पूर्व संसदीय सचिव डॉ. सियाराम साहू, श्री
मोतीराम चंद्रवंशी, पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री कैलाश चंद्रवंशी, बोड़ला
जनपद अध्यक्ष श्रीमती बालका रामकिंकर वर्मा, नगर पालिका
अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, बोड़ला नगर पंचायत
अध्यक्ष श्री विजय पाटिल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती गंगा
लोकचंद साहू, जनपद सदस्य श्री नेमीचंद पटेल, ग्राम पंचायत चौरा के सरपंच श्रीमती दुर्गा लांझे उपस्थित थें।
होली के बाद कृष्णपक्ष
के तेरस और चौदस को महोत्सव मानाने की परम्परा
महोत्सव के दौरान कलेक्टर श्री गोपाल
वर्मा ने भोरमदेव महोत्सव की आरंभ से लेकर वर्तमान दौर तक पूरी विस्तार से जानकारी
दी। भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक,
पर्यटन और जन आस्था के रूप में ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। इस मंदिर
की ख्याति देश के अलग-अलग राज्यों तक फैली हुई है। यहां साल भर विदेशी, देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में आना होता है। बाबा
भोरमदेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद कृष्णपक्ष के तेरस और चौदस को
महोत्सव मानाने की यहां परम्परा रही है। साथ में सावन मास में मंदिर में विशेष
पूजा अर्चना भी की जाती है। यहां सावन माह में मेले का आयोजन भी होता है। जिसमें
देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में शामिल होते है। इस दौरान
ऐतिहासिक महत्व स्थल भोरमदेव मंदिर की भव्यता और उसके महत्व को बनाए रखने के लिए
किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी भी दी।