रायपुर। डॉलर के मुकाबले
रुपया अब तक के सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग
के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार डॉलर की कीमत 80 रू. हो
गयी है। 2014 के पहले जब मोदी
गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तब 1 डॉलर की कीमत 58 रू.
था तब मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के लिये प्रयोग किये जाने वाले शब्दों की
मर्यादा को तोड़कर तीन बयान दिया था।
1 भाइयों
और बहनों, रुपया उसी देश का
गिरता है जहां की सरकार भ्रष्ट और गिरी हुई हो!
2 कभी कभी तो लगता है दिल्ली सरकार और
रुपए के बीच में कॉम्पटिशन चल रहा है - किसकी आबरू तेज़ी से गिरती चली जा रही है -
कौन और आगे जाएगा?
3
रुपया सिर्फ़ काग़ज़ का टुकड़ा नहीं होता, सिर्फ़ करेन्सी
नहीं होती-इसके साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई होती है। जैसे जैसे रुपया गिरता है
देश को प्रतिष्ठा गिरती है
यह हमारे शब्द नहीं हैं- यह वो जुमले
हैं जो इस देश के सामने 2014 से पहले जुमला जीवी
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को खूब सुनाए थे। जो इतिहास में पहले कभी नहीं
हुआ, मोदी जी की कृपा से वो दिन भी देश ने
देख ही लिया। भारत का रुपया अमरीकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया। यह वही
रुपया है जिससे प्रधानमंत्री की आबरू और प्रतिष्ठा जुड़े होने का दावा खुद मोदी जी
करते थे। पर आज तो डर यह है कि जिस तेज़ी से रुपया गिर रहा है - कहीं पेट्रोल की तरह
यहाँ भी शतक की तैयारी तो नहीं?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के
अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2014 के पहले रुपए की
मज़बूती के लिए मोदी ज़रूरी है का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी तो हमारे रुपए
के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मजबूत सरकार का दावा करने वालों ने
इतिहास में रुपए को सबसे कमजोर बना दिया। पिछले 6 महीने में रुपया 7 प्रतिशत से ज़्यादा
गिरा है। कभी कोरोना कभी यूक्रेन रूस की
जंग के पीछे कब तक छिपते रहेंगे प्रधानमंत्री जी? क्योंकि यह वही
रुपया है जिसकी क़ीमत 2014
में 1 डॉलर के मुक़ाबले मात्र
58 थी और पिछले 8 सालों में अब 80 के पार पहुँचा है -
8 साल में 1 डॉलर के मुक़ाबले 22 रुपए की गिरावट!
प्रधानमंत्री जी अपनी उजड़ती आबरू और गिरती हुई साख की थोड़ी तो चिंता कीजिए। इस
गिरावट पर प्रधानमंत्री क्यों मौन है देश की जनता जानना चाह रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के
अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रूपये के इतना गिरने से कमरतोड़ महंगाई और
तेज़ी से बढ़ेगी। ज़रूरी चीज़ों के दाम बढ़ेंगे- पेट्रोल, डीज़ल रसोई गैस के
दामों में और आग लगेगी। तेल महंगा होने की वजह से आवा गमन की क़ीमत - ट्रेन, बस का किराया बढ़ेगा।
इसका सीधा असर आम आदमी की थाली पर भी दिखेगा, खाना बनाने वाले
तेल की क़ीमतें बढ़ेंगी। विदेशों से आयात किए जाने वाले छोटे से छोटे सामान पर रुपये
के कमज़ोर होने का असर पड़ेगा. टीवी, फ़्रिज, मोबाइल फोन और बाक़ी
इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर लगातार टूटते रुपये का सीधा असर पड़ेगा।