रायपुर : राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस
संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार
और कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से कांग्रेस की सरकार के दौरान ईडी
ने अनेक कार्यवाहियां किया था। ईडी ने तथाकथित कोल घोटाला को लेकर तीन सालों तक जांच किया और जब कुछ
हासिल नहीं कर पाई तो ईडी ने राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो को 11.1.2024 को पत्र लिखकर इस मामले में
एफआईआर दर्ज करने को कहा। इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोल घोटाले को लेकर
विस्तृत ब्यौरा भी दिया तथा इसमें कुछ लोगों के नाम भी सौंपा जिनके विरूद्ध एफआईआर
दर्ज किये जाने को कहा गया था।
इस पत्र में ईडी ने जिन लोगों के नाम सौपा है, उनके सामने तथाकथित रूप से कितनी राशि प्राप्त हुई उसका उल्लेख भी किया
है। इसी में 10वें क्रम पर ईडी ने तत्कालीन कांग्रेस के
सामरी से विधायक चिंतामणी महराज के नाम का उल्लेख करते हुये 5 लाख रू. लिये जाने का दावा किया है। ईडी ने उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज
करने को लिखा है। ईडी ने इस पत्र के आधार पर एसीबी ने जो एफआईआर 17 जनवरी 2024 को दर्ज किया है उसमें चिंतामणी महराज का
नाम नहीं है। चिंतामणी महराज जो कांग्रेस के विधायक थे अब भाजपा में शामिल होकर
भाजपा से सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार है। जैसे ही मोदी के वाशिंग मशीन में
डाले गये उनके सारे पाप धुल गये। कमल छाप का ताबीज पहनकर वे ईमानदार हो गये।
एक पत्र
के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है तो फिर चिंतामणी महराज का नाम
एफआईआर से बाहर क्यों किया गया, इसीलिये कि वे भाजपा में
शामिल हो गये है। यह भाजपा का चरित्र है विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी,
आईटी, सीबीआई को आगे कर मुकदमा दर्ज किया जाता
है, दबाव बनाया जाता है, जेल भेजा जाता
है, लेकिन जैसे ही वह नेता भाजपा में शामिल हो जाता है उसके
खिलाफ सारी कार्यवाही रोक दी जाती है। अजीत पवार, हेमंत
बिसवा सर्मा, नारायण राणे, रेड्डी बंधु,
मुकुल राय, शुवेंदु अधिकारी, एकनाथ शिंदे, अशोक चौहान जैसे कई उदाहरण है।
ईडी और
एसीबी की इस कार्यवाही से साफ हो रहा है कि यह तथाकथित कोल घोटाले का आरोप भाजपा
का राजनैतिक षड़यंत्र है और भाजपा के इस राजनैतिक एजेंडे को ईडी के माध्यम से अमल
किया गया। ईडी के माध्यम से विरोधियों को फंसाने का षड़यंत्र रचे गये। अपने सुविधा
और राजनैतिक षड़यंत्रों के आधार पर लोगों को बदनाम करने नाम जोड़े गये, काटे गये।चिंतामणी महराज प्रदेश की
जनता के बताये कि ईडी ने तथाकथित कोल स्केम में 5 लाख लेने
का जो गंभीर आरोप लगा वह आरोप सही या गलत। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बताये कि ईडी
के पत्र में चिंतामणी महराज के खिलाफ एसीबी को एफआईआर करने को लिखा है फिर किसके
दबाव में एसीबी ने चिंतामणी महराज का नाम हटाया।पत्रकार वार्ता में प्रभारी
महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, महेन्द्र छाबड़ा, सुरेंद्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, अजय साहू, नितिन
भंसाली, प्रकाशमणी वैष्णव, सत्यप्रकाश
सिंह, अजय गंगवानी उपस्थित थे।