रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव
में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मंत्री और खरसिया से विधायक उमेश पटेल को नेता
प्रतिपक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट है। हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में बुलाई गई
बैठक में भी उन्हें बुलाए जाने से इन चर्चाओं को बल मिला है। इन चर्चाओं के बीच उमेश
पटेल ने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने
के सवाल पर उन्होंने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष का निर्णय
हाईकमान को लेना है। हाईकमान का जो फैसला होगा हम सभी को स्वीकार होगा। उन्होंने
कहा कि, पार्टी जिस स्वरूप में मुझे काम करने कहेगी इस जिम्मेदारी
के लिए मैं तैयार हूं।
हार के कारणों पर कही ये बड़ी बात
बहुत से अलग-अलग कारणों से हमारी हार
हुई है। सरकार की योजनाओं को सबने सराहा पर उसे हम वोटों में तब्दील कर पाए। कांग्रेस
की हार के बाद पार्टी में मचे घमासान को लेकर श्री पटेल ने कहा कि,
मैं सभी कांग्रेस नेताओं से कहना चाहूंगा कि, हमें
एकजुट होने की जरूरत है।
नई सरकार से झीरम हमले की जांच की
उम्मीद
विधानसभा चुनाव में हार के बाद झीरम
हमले पर हो रही सियासत को लेकर पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि, नवनिर्वाचित सीएम अन्य मामलों के साथ झीरम हमले की भी जांच कराएं। पांच
साल एनआईए और कोर्ट में लड़ाई लड़ने में बीत गए और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के
बाद सरकार बदल गई। यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, नई सरकार
राजनीति से ऊपर उठकर झीरम हमले की जांच कराएगी, ऐसी उम्मीद
हम करते है।