रायपुर। भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र के खिलाफ साइंस कॉलेज में कांग्रेस की जनअधिकार महारैली आज। रैली में एआईसीसी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सेलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी सचिव चंदन यादव, मंत्री, विधायक गण रैली में शामिल होंगे। 70 से अधिक समाजों के लोग रैली में शामिल होंगे। कांग्रेस के द्वारा रैली की तैयारियां पूरी की जा चुकी है। प्रदेश के सभी जिलों और ब्लॉकों से लोग रैली में शामिल होने आ रहे हैं, जिसमें प्रदेश भर से 1 लाख से अधिक युवा आरक्षण विधेयक पर भाजपा के असली चरित्र को जनता के सामने लायेंगे। साइंस कॉलेज मैदान सामाजिक न्याय की मांग का सूत्र धार बनेगा। जहां 3 जनवरी को प्रदेश के सभी समाज के वंचित लोग अपने अधिकारों की आवाज को बुलंद करने एकत्रित होंगे। कांग्रेस सरकार को सर्व समाज को आरक्षण देने का राजनैतिक रूप से श्रेय नहीं मिले इसिलये भाजपा राजभवन में आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है। रैली के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाकर बिल पर हस्ताक्षर करने ज्ञापन भी सौपेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा और संघ के राष्ट्रीय नेता तथा राज्य के नेता एक राय होकर सर्व समाज के आरक्षण को राजभवन में रोकवा कर रखे हुये है। आरक्षण बढ़ाने संबंधी विधेयक जब कर्नाटक विधानसभा में पारित होता है तब वहां पर राज्यपाल हस्ताक्षर करते है जब वैसा ही आरक्षण विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा और झारखंड विधानसभा में पारित किया जाता है तो राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करती है। कर्नाटक में भाजपा सरकार ने विधेयक बनाया श्रेय आपकी पार्टी (भाजपा) को मिलेगा तो वहां ठीक छत्तीसगढ़, झारखंड में कांग्रेस की सरकार है वहां विरोध कर रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर अपना मत स्पष्ट करें वह आरक्षण संशोधन विधेयक के किस पहलू से असहमत और क्यों राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है? भाजपा को आदिवासी समाज को दिये गये 32 प्रतिशत आरक्षण पर आपत्ति है अथवा वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये किये गये 27 प्रतिशत आरक्षण से असहमत है? भाजपा को इस बात का विरोध है कि नये आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के लिये किये गये 13 प्रतिशत आरक्षण के लिये विरोध कर रही है? या गरीब सवर्णों के 4 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में भाजपा है। भाजपा की नीयत आरक्षण पर शुरू से संदिग्ध है।