रायपुर। बीजापुर में हुए आईईडी ब्लास्ट में घायल युवक
गुड्डू मेकाम (18 वर्षीय) नामक युवक का
पैर बुरी तरह से जख्मी था और इसी हालात में नक्सलियों ने उसे 11 तारीख से बंधक बना रखा था। मरणासन्न स्थिति होने पर उन्होंने उसे छोड़
दिया था।उसका जगदलपुर में इलाज चल रहा था।
यह पता लगते ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने तत्काल घायल को
रायपुर बुलाया और निजी अस्पताल में अच्छे इलाज की व्यवस्था की।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा घायल युवक
गुड्डू मेंकाम से मिलने राजधानी के निजी अस्पताल पहुंचे और युवक की स्थिति को
देखकर भावुक हो गए उन्होंने घायल के परिजनो से कहा गुड्डू मेरा भाई है,
आप सभी मेरा परिवार हैं, मैं हमेशा आपके साथ
खड़ा हूं। गृह मंत्री ने उन्हें आश्वस्तु किया कि वे युवक का बेहतर-से-बेहतर इलाज
कराएंगे। अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों से श्री शर्मा ने मरीज के इलाज की प्रगति
की जानकारी ली और उन्हें सजगता से इलाज करने का निर्देश दिया।
नक्सीलियों के इस कृत्य पर अफसोस जताते हुए श्री शर्मा ने कहा कि आईईडी
नहीं पहचानता कि इस पर पैर रखने वाला कौन है? इसका
शिकार बड़ी संख्या में बस्तर के आदिवासी भाई और मवेशी हो रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि बस्तर का विकास नहीं हो
पा रहा है, इसका कारण बस्तर की सड़कों में भींचा हुआ आईईडी
भी है। जो आईईडी लगा है वह किसी को नहीं पहचानता। जानवर व ग्रामीण, दोनों ही आहत हो रहे हैं। नक्सलियों को इस बारे में विचार करना चाहिए कि
ऐसी रक्तरंजित घटनाओं से किसी को फायदा नहीं होने वाला। उन्होंने कहा भाजपा की प्रदेश सरकार ने अपने पिछले 15 वर्षों के कार्यकाल में बस्तर का सर्वांगीण विकास किया। सुदूर अंचल तक
पहुंचने के लिए पक्के मार्गों का निर्माण कराया, बच्चों की
पढ़ाई के लिए गाँव-गाँव में स्कूल खोले गए, इलाज के लिए
जगह-जगह अस्पतालों का निर्माण कराया गया तो वहीं पहुँचविहीन सुदूर पहाडी और
मार्गविहीन क्षेत्रों तक इलाज पहुँचाने के लिए मोटर साइकिलों के जरिए इलाज की सुविधाएँ
उपलब्ध कराई गईं, पीने के स्वच्छ पानी से लेकर आधुनिक
सुविधाएँ बस्तर तक पहुँची हैं। इसी का परिणाम रहा कि सुदूर बीजापुर में भी आज वाइ-फाई जोन उपलब्ध
है। दंतेवाडा की पहचान एजुकेशन हब के रूप में हो चुकी है। नक्सल घटनाओं में अनाथ
हुए बच्चे प्रयास हॉस्टल में रहकर अध्ययन कर रहे है और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं
में चयनित हो रहे हैं। आईआईटी, जेईई, नीट
की परीक्षाओं में इन बच्चों ने परचम लहराया है तो वहीं पीएससी और यूपीएससी में भी यहां से निकले
बच्चें चयनित हो रहे हैं। जैसा विकास स्थानीय जन चाहते थे भाजपा सरकार ने उससे
बेहतर विकास अपने पिछले 15 साल के कार्यकाल में करके दिखाया
है।
गृहमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि
उनकी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही साथ बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों
के विकास के लिए भी कृत संकल्पित है।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में नियद नेल्लानार
योजना शुरू की है। नियद नेल्लानार का मतलब होता है आपका अच्छा गांव। इस योजना के
तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा कैंप अब विकास के कैंप के रूप में कार्य कर रहे हैं
कैम्प के 5 किलोमीटर के दायरे में जो
गांव हैं उन्हें विकास से जोड़ा जा रहा हैं। सुरक्षा कैंपों के माध्यम से गांव
वालों तक सुविधाएं पहुंचाने और उन तक सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं को पहुंचाया जा
रहा हैं। ग्रामीणों के लिए राशन दुकान,आवास नि:शुल्क बस
सेवा , चिकित्सा कैंप लगाकर उनका इलाज करने का काम शुरू हो
चुका है।
विनाश छोड़कर विकास के आगे आएँ
नक्सली
उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री श्री
शर्मा ने कहा कि नक्सली यह न भूलें कि यह विनाश का रास्ता है। इस रास्तें से
नक्सालियों को कुछ हासिल नहीं होने वाला। श्री शर्मा ने नक्सलियों से अपील की कि
विनाश का रास्ता छोड़कर वे विकास के मार्ग पर अग्रसर हों तो सरकार भी उनका सहयोग
करेगी। नक्सलियों को विकास के लिए अपनी भूमिका तय करनी चाहिए। यह भूमिका हिंसा का
रास्ता छोडकर ही संभव है। श्री शर्मा ने कहा कि हमने नक्सलियों के आत्मसमर्पण
पॉलिसी बना रखी है, कई आत्मसमर्पण भी
हुए हैं। आज वे लोग सुखी जीवन जी रहे हैं। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया बहुत तेजी से
आगे बढ़ी है। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया विश्वसनीय हो, सरल हो,
नई जीवन की शुरुआत को प्रेरित करने वाला हो, ऐसा
हम और प्रयास कर रहे हैं।प्रदेश की भाजपा सरकार ने नक्सली क्षेत्र में नियद
नेल्लानार योजना प्रारंभ की है, जिसके सुपरिणाम बस्तर में
बहुत जल्दी दिखने लगेंगे।