रायपुर| कांग्रेस ने भाजपा पर आतंकियों का सहयोग लेने का
आरोप लगाया है। कांग्रेस संचार विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा,
भाजपा आतंकवाद पर
आत्मनिर्भर हो चुकी है। अपने ही कार्यकर्ता नुपुर शर्मा से कुछ कहवा देंगे। उसके
बाद अपने ही कार्यकर्ता रियाज अटारी से कुछ करा देंगे। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि
यूपीए सरकार के समय "हिंदू आतंकवाद' शब्द भी आरके सिंह का गढ़ा हुआ था,
जो अब केंद्र सरकार
में मंत्री हैं।
रायपुर के कांग्रेस
मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में पवन खेड़ा ने कहा,
पिछले दिनों
राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की हत्या हो गई। उसमें शामिल आतंकी
मोहम्मद रियाज अटारी भाजपा का कार्यकर्ता निकला। उसने बाकायदा पार्टी नेताओं की
मौजूदगी में सदस्यता ली थी। वह भाजपा विधायक दल नेता और पूर्व गृह मंत्री
गुलाबचंद्र कटारिया के दामाद की फैक्ट्री में काम कर चुका है। उसका भाजपा के
कार्यक्रमों और बड़े नेताओं के साथ भी देखा गया है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में
ग्रामीणों ने जिन दो आतंकियों को हथियारों के साथ पकड़ा था,
उनमें से एक तालिब
हुसैन शाह भाजपा का पदाधिकारी निकला। वह अमरनाथ यात्रा मार्ग पर हमले की योजना बना
रहा था। उसका भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी
तस्वीरें मिली हैं।
पवन खेड़ा ने कहा कि
यह बात भी सामने आई है कि महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या
का मास्टरमाइंड इरफान खान वहां की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति
रवि राणा से संबंध हैं। वह राणा दंपती के लिए वोट मांगता रहा है। राणा दंपती के
साथ भाजपा का क्या रिश्ता है यह छिपा भी नहीं है। एक सवाल पर पवन खेड़ा ने कहा,
हिंदू आतंकवाद शब्द
कांग्रेस की ओर से कभी नहीं आया था। अगर किसी कांग्रेस नेता ने कभी बोला हो तो यह
गलत है। लेकिन यह शब्द तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह का गढ़ा हुआ है।
उन्होंने सबसे पहले यह शब्द लिखा और बाेला था। वहीं आर.के. सिंह अब भाजपा के नेता
हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी।
पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आतंकवाद पर राजनीति
के पक्ष में कभी नहीं रही है। लेकिन आज जो हालात हैं और जिस तरह से एक के बाद एक
घटनाओं में लगातार आतंकियों तथा अपराधियों के तार भाजपा से जुड़े मिले हैं वैसे में
सवाल पूछना जरूरी हो जाता है। आप भी सोचिए और समझिए कि भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में
देश के साथ कितना घिनौना खेल खेल रही हैं। वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश में एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का
पर्दाफाश करते हुए आईएसआई के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य
ध्रुव सक्सेना भी था जिसकी राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ तक
तस्वीरें है। इसके 2 साल बाद 2019 में मध्यप्रदेश में ही टेरर फंडिंग के आरोप में बजरंग दल के एक
नेता “बलराम सिंह“ की गिरफ्तारी हुई थी।
वर्ष 2017 में असम के भाजपा नेता “निरंजन होजाई“ को एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकियों
को आर्थिक मदद देने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई। इन्हें एक हजार करोड़ के
वित्तीय घोटाले एवं टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया था। इनकी फंडिंग से मिले
पैसों से आतंकवादी हथियार आदि खरीदते थे जिसका इस्तेमाल देश की सेवा में लगे
सुरक्षा बलों के खिलाफ होता था।
इतना ही नहीं
बीजेपी सत्ता के लिए अपराध सिद्ध आतंकवादी को भी टिकट देने से नहीं चुकी है। इसी
भारतीय जनता पार्टी ने मसूद अजहर के शागिर्द “मोहम्मद फारुख खान“ को स्थानीय चुनाव में श्रीनगर के वार्ड नंबर 33 से टिकट दिया था। जो जम्मू कश्मीर
लिबरेशन फ्रंट एवं हरकत उल मुजाहिदीन का सदस्य रह चुका है। आतंकवादी मसूद अजहर को भी इसी बीजेपी की सरकार ने छोड़ा था जिसके
बाद उसने देश में कई आतंकी वारदात को अंजाम दिया। पुलवामा में जहां परिंदा भी पर
नहीं मार सकता था वहां 200 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा इसका जवाब अभी तक देश को नहीं मिला है।
इसकी जांच अभी तक क्यों हुई ये भी एक सवाल है? हम आप सभी से अपील करते हैं कि भाजपा
के खोखले राष्ट्रवाद को पहचानिए। राष्ट्रवाद की आड़ में ये देश को खोखला करने का
घिनौना खेल खेल रहे हैं।