नई
दिल्ली। बच्चों में बोर्ड परीक्षा (Board
Exam 2024) के लिए कोई चिंता न रहे इसके लिए PM Modi ने आज परीक्षा पे चर्चा की। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से बात करते हुए पीएम ने उन्हें कई ऐसे बहुमुल्य
गुरुमंत्र दिए जो बच्चों को तनाव मुक्त कर सकते हैं।
दोस्ती बहुत जरूरी
पीएम से एक बच्चे ने सवाल किया कि
कुछ लोग कहते हैं कि दोस्ती ही ले डूबती है। इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा
कि दोस्ती बहुत जरूरी है। मैंने कई बार देखा है टीचर से ज्यादा एक दोस्त ही आपको
सिखा देता है, जैसे मैथ्स से लेकर
लैंग्वेज पर अगर एक दोस्त की मजबूती हो तो वो अपने साथी को भी मजबूत बना देता है।
पीएम ने कहा कि मैंने ऐसे दोस्त देखे हैं, जो खुद चाहे फेल
हों, लेकिन दोस्त को आगे बढ़ाने के लिए मदद करते है।
दोस्त अगर अच्छे नंबर न लाए और खुद
प्रथम आए तो पार्टी भी नहीं करते, ये होती
है दोस्ती।
टीचर से ज्यादा देस्त की जरूरत,
पीएम ने दिए टिप्स
पीएम ने इसी के साथ टीचर्स को भी कुछ टिप्स दिए। पीएम ने कहा कि टीचर और छात्र में एक बोंडिंग होनी
जरूरी है और उनमें दोस्ती का नाता रहना जरूरी है।
पीएम ने कहा कि टीचर का काम जॉब
बदलना नहीं, छात्रों की जिंदगी को
बदलना है और उसे सवारना है।
परीक्षा में तनाव से मुक्ति,
पेरेंट्स को भी सुझाव
पीएम ने कहा कि कुछ गलतियां पेरंट्स
का अतिउत्साह पैदा करता है, तो कुछ
छात्र डरकर करते हैं। पीएम ने कहा कि कुछ मां बाप पेंट ये सही है, वो सही है ये देखते हैं, इससे उन्हें बाहर निकलना
होगा।
पीएम ने कहा कि परीक्षा पर ये खाकर
निकलो, जिससे पेपर सही होगा। ये सब जब भी
तनाव है जो जब घर से निकलने से पहले ही शुरू हो जाएगा तो बच्चा अच्छा कैसे करेगा।
पीएम ने बताया कैसे करें परीक्षा की
शुरुआत
पीएम ने कहा कि परीक्षा देते वक्त
छात्र पेपर देखते ही तनाव में आ जाते हैं। बच्चे सोचने लगते हैं कि पहले उसे पेपर
मिला मुझे कम समय मिलेगा या इसमें ज्यादा समय लग गया पहले कोई और प्रश्न करना
चाहिए था।
पीएम ने कहा कि सबसे पहले बच्चों को
पूरा पेपर पढ़ना चाहिए फिर मन से तय कीजिए किस प्रश्न में कितना समय लगेगा तो वैसे
ही उत्तर देने चाहिए।
अगल-बगल पर भरोसा न करें...
पीएम ने कहा कि कुछ बच्चे दूसरे का
देखकर परीक्षा देते हैं। उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि दूसरे को देखने से पहले
जरा संभल जाएं। उन्होंने कहा कि इधर-उधर ध्यान देने से अच्छा है खुद पर भरोसा करें,
क्या पता दूसरा छात्र फिल्म की कहनी लिख रहा हो।
कंफ्यूजन सब खराब कर देता है...
पीएम से जब पूछा गया कि कुछ बच्चे
कोई निर्णय लेने में कंफ्यूजन में होते हैं, इसके
लिए क्या करें। पीएम ने जवाब देते हुए कहा कि कई बार आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग
रेस्टोरेंट में जाकर पहले कुछ ऑर्डर कर देते हैं। इसके बाद वो इधर-उधर जब देखते
हैं कि उसने ये मंगवाया तो वो पहला ऑर्डर निरस्त कर, उसे
मंगवा लेते हैं। इसके बाद वो सोचते है कि इससे सही वही मंगवा लेता जो पहले मंगाया
था।
पीएम ने कहा कि जो लोग रेस्टोरेंट के
टेबल पर निर्णय नहीं ले पाते वो कभी खाने का स्वाद नहीं ले सकते। प्रधानमंत्री ने
कहा कि अगर जीवन में सफल होना है तो हमें निर्णायक बनना होगा और कंफ्यूजन छोड़ना
होगा।