रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज यानि शनिवार को चौथा दिन है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की जा रही है। इस दौरान बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जब आप राज्यपाल को नहीं मानते तो अभिभाषण पर क्यों चर्चा कराई जा रही है। राज्यपाल को कोर्ट नोटिस नहीं दे सकता। राज्यपाल को नोटिस जारी करने वाले न्यायाधीश को भी शर्म आनी चाहिए। उनके इस तंज पर मंत्री रविंद्र चौबे ने भी पूछ लिया- किसे शर्म आनी चाहिए। किसने नोटिस जारी किया है। सदन में बहुमत का है आपातकाल बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में मंत्रियों और अफसरों की उपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि भाजपा कार्यालय के बाहर राजभवन का बोर्ड लगा हुआ है। लेकिन अभी तक उस बोर्ड को नहीं हटाया गया है। अब कहां है शासन प्रशासन? सदन में बहुमत का आपातकाल है। यहां न तो बेरोजगारी पर चर्चा कर सकते हैं और न ही कार्यकर्ताओं की हत्या पर चर्चा कर सकते हैं। बस्तर में बुजुर्ग को श्मशान में नहीं दिया जा रहा है दफनाने आगे बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा, राज्यपाल को भाजपा का एजेंट बताया गया। हमसे कहते हैं कि राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दीजिए। सरकार बहुमत के बोझ से पूरी तरह चरमरा गई है। यहां तक कि कलेक्टर और विधायकों को यह आदेश दिया गया है कि इस विधायक और मंत्री की बिलकुल भी बात नहीं सुननी है। आगे उन्होंने सवाल किया, बस्तर के शमशान घाट में आखिर हो क्या रहा है? यहां बुजुर्ग को श्मशान में दफनाने नहीं दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति आदिवासी ही तो हैं।