रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को शुरू हुई बजट सत्र की कार्यवाही से पहले दो दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई । राजिम से भाजपा के विधायक पुनीत राम साहू और भाटापारा इलाके से कांग्रेस के विधायक रहे राधेश्याम शर्मा को श्रद्धांजलि दी गई । दोनों ही अविभाजित मध्यप्रदेश के वक्त विधायक रहे, बीते 16 जनवरी को पुनीत राम साहू का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। कांग्रेस के पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा का 23 जनवरी को निधन हो गया था। इन दोनों सियासी हस्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए विधायकों ने रोचक किस्से साझा किए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पुनीत राम साहू ने जिंदगी भर नहीं पहनी चप्पल पुनीत राम साहू को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि उन्होंने जिंदगी भर चप्पल नहीं पहनी। काफी बुजुर्ग हो जाने के बाद हाल के दिनों में उन्होंने चप्पल पहनना शुरू किया था वरना विधायक रहते हुए वह नंगे पांव अपने सारे काम किया करते थे। विधायक शिवरतन शर्मा ने बताया कि 2 साल पहले जब बृजमोहन अग्रवाल और मैं गरियाबंद इलाके में गए थे तो विशेष रूप से मिलने के लिए पुनीत राम साहू जी को बुलवाया।तब वह 78 साल के थे और पता चला कि वह खेत में काम कर रहे हैं। यानी उस वक्त भी उनकी सक्रियता कम नहीं हुई थी वह मजाक में कहा करते थे कि मेरे जीते जी हमारे क्षेत्र में कभी कांग्रेस नहीं जीतेगी और यही हुआ उनके गांव को आज भी भाजपा का गढ़ माना जाता है। पुनीत राम साहू राजिम क्षेत्र से विधायक रहे इससे क्षेत्र में उस जमाने में श्यामाचरण शुक्ल का दबदबा हुआ करता था जो खुद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे । सीएम के क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीतना एक बड़ी बात हुआ करती थी यह उनकी सरलता की वजह से ही संभव हो पाया। कांग्रेस से भाटापारा के विधायक राधेश्याम शर्मा को लेकर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2 बार हम चुनावों में आमने-सामने हुए एक बार मुझे जीत मिली तो दूसरी बार हार । सहकारिता के आंदोलनों में भी हम टकराए। राधेश्याम शर्मा बेबाक थे, इतने की अपनी ही पार्टी के खिलाफ कुछ बोलना हो तो नहीं चूकते थे । एक बार दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ कह दिया कि यह सरकार अली बाबा और 40 चोर की सरकार है । सीएम ने कहा, सहज और सरल व्यक्ति थे पुनीत राम साहू मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पुनीत राम साहू सहज और सरल व्यक्ति थे जिसकी वजह से जनता उन्हें पसंद करती थी । विधायक राधेश्याम शर्मा जन संघर्षों के नेता थे लोगों के अधिकारों के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया, ऐसे विभूतियों के निधन पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सभा में इन दोनों ही सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ी । विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि मैं शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, गुरुवार को विधान सदन की कार्रवाई इन दोनों सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी जिसके बाद फिर से कार्रवाई शुरू हुई।