भिंड : लोकायुक्त
टीम ग्वालियर ने बुधवार सुबह शहर के अटेर रोड अग्रवाल कॉलोनी में बंबा किनारे पाखर
के पेड़ के नीचे पटवारी को किसान से आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
पटवारी ने किसान से उसकी जमीन से कब्जा नहीं हटाने के लिए रिश्वत मांगी थी। पटवारी
अटेर के ग्राम रमा हल्के में पदस्थ था।
फरियादी सर्वेश यादव पुत्र बलवंत यादव निवासी रमा हाल
अग्रवाल कॉलोनी बंबा ने बताया कि रमा मौजे में उसकी जमीन है। खसरा नंबर 322 में छह बिस्वा में पांच हिस्सेदार हैं। परिवार के प्रमोद यादव ने जमीन से
कब्जा दिलाने के लिए अटेर तहसीलदार के यहां गुपचुप तरीके से आदेश करवा लिया।
11 अक्टूबर
को अटेर थाना पुलिस पटवारी के साथ उनके घर आई और जमीन से कब्जा हटाने के लिए कहा।
फरियादी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से मिले और पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
कलेक्टर ने मामले में स्थगन देते हुए कहा कि आगामी आदेश तक कोई कार्रवाई नहीं की
जाए।
पटवारी ने कलेक्टर का
आदेश मानने से किया इनकार
फरियादी कलेक्टर का आदेश लेकर हल्का
पटवारी आदित्य सिंह कुशवाह से मिले। पटवारी ने आदेश देखकर कहा कि वह कलेक्टर का
आदेश नहीं मानेंगे, बल्कि तहसीलदार के
आदेश पर ही अमल करेंगे। पटवारी ने कहा कि कब्जा नहीं हटाना चाहते हो तो 10 हजार रुपये लगेंगे।
लोकायुक्त में शिकायत की,
दो हजार रुपये पटवारी को दिए
फरियादी 14
अक्टूबर को लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा और आवेदन देकर शिकायत की।
लोकायुक्त ने 15 अक्टूबर को टेप रिकॉर्डर देकर फरियादी को
वापस भिंड भेजा। फरियादी ने पटवारी को दो हजार रुपये देकर उसकी बातचीत रिकॉर्ड कर
ली।
स्कूटी से रिश्वत लेने फरियादी के घर
पहुंचा पटवारी
बुधवार सुबह फरियादी ने पटवारी
आदित्य सिंह कुशवाह से कहा कि उसे आठ हजार रुपये देने हैं,
कहां आना है। चूंकि पटवारी बायपास स्थित आईपीएस स्कूल के पास रहता
है। पटवारी ने फरियादी से कहा कि वह घर के बाहर मिले वह वहीं आ रहा है। नौ बजे
फरियादी ने पाखर के पेड़ के नीचे जैसे ही पटवारी को केमिकल लगे पांच-पांच सौ के 16
नोट दिए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया।
टीम ने मौके पर ही पटवारी के हाथ
धुलाए तो केमिकल के चलते पानी लाल हो गया। इसके बाद टीम पटवारी को पकड़कर सिटी
कोतवाली लाई और आगे की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर,
डीएसपी कविंद्र सिंह चौहान, टीआई रानीलता
नामदेव, बृजमोहन सिंह नरवरिया, हवलदार
नेतराम राजौरिया, आरक्षक बलवीर सिंह, सुरेंद्र
सेमिल, विशंभरसिंह भदौरिया, जसवंत
शर्मा, इंद्रभानसिंह और प्रशांत राजावत शामिल रहे।