April 23, 2023


खनिजों से राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में मिला रिकार्ड 12 हजार 941 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व

पिछले वर्ष की तुलना में 636 करोड़ रूपए अधिक खनिज राजस्व मिला

रायपुर| मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में खनिज बहुल छत्तीसगढ़ प्रदेश में खनिज क्षेत्रों के विकास, खनिज क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन और अत्याधुनिक तकनीक के खनिज प्रशासन में उपयोग से प्रदेश को खनिजों से मिलने वाले राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में संचालित खनिज गतिविधियों से 12 हजार 941 करोड़ रूपए का रिकार्ड खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है, जो विगत वर्ष की तुलना में 636 करोड़ रूपए अधिक है। संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म श्री जय प्रकाश मौर्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार लौह अयस्क से सर्वाधिक 3607 करोड़ रूपए का राजस्व मिला है। प्रदेश में मुख्यतः कोयला, लौह अयस्क, चूनापत्थर एवं बाक्साइट खनिजों से राजस्व प्राप्त होता है। लौह अयस्क से 3607 करोड़ रूपए, खनिज कोयले से 3336 करोड़ रूपए, चूनापत्थर से 392 करोड़ रूपए एवं बाक्साइट से 31 करोड़ रूपए राजस्व प्राप्त हुआ है। सर्वाधिक खनिज राजस्व प्राप्ति वाले जिलों में दंतेवाड़ा अव्वल वित्तीय वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक खनिज राजस्व प्राप्ति के जिलों में दंतेवाड़ा से 6419 करोड़ रूपए, कोरबा से 2361 करोड़ रूपए, रायगढ़ से 1717 करोड़ रूपए, बालोद से 760 करोड़ रूपए, बलौदाबाजार से 315 करोड़ रूपए, कांकेर से 286 करोड़ रूपए एवं सरगुजा जिले से 262 करोड़ रूपए खनिज राजस्व की प्राप्ति हुई है। प्रदेश में प्राप्त होने वाले खनिज जहां राज्य में अधोसंरचनात्मक विकास, बिजली के उत्पादन, उद्योगों के संचालन में अपना योगदान दे रहे हैं, वहीं खनिज राजस्व राज्य के वित्तीय विकास में महत्त्वपूर्ण साझेदारी प्रदान कर रहा है। रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था से राज्य शासन को प्रथम बार 02 चूना पत्थर ब्लॉक्स से बतौर लाभ में हिस्सेदारी मिला 52.52 लाख रूपए का राजस्व विभाग के संयुक्त संचालक श्री अनुराग दीवान से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन की नवीन नीति के तहत वर्ष 2015-16 में ई-नीलामी के माध्यम से आबंटित 02 मुख्य खनिज चूनापत्थर ब्लॉक्स यथा करही चंडी, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा एवं केसला, जिला रायपुर में वर्ष 2022-23 में उत्पादन प्रारंभ हुआ है। आबंटन की उक्त नवीन व्यवस्था से जहां खानों का पारदर्शी आबंटन हुआ, वहीं रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था से शासन को उक्त दोनों ब्लॉक्स से रायल्टी, डीएमएफ पर्यावरण एवं अधोसंरचना उपकर आदि के अतिरिक्त प्रथम बार बतौर लाभ में हिस्सेदारी के 52.52 लाख रूपए का राजस्व राज्य शासन को प्राप्त हुआ है।


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