रायपुर| छत्तीसगढ़ में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आम आदमी के काम अटके हुए हैं। इस बीच भाजपा ने कर्मचारियों को फुल सपोर्ट करने का एलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने हड़ताली कर्मचारियों का वेतन रोककर सर्विस ब्रेक के आदेश का विरोध किया है। उन्होंने अगले साल भाजपा की सरकार बनते ही भाजपा इस फरमान को रद्द कर देगी। कर्मचारी बिना डरे हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ें। चंद्राकर ने कहा है कि साल 2006 के जिस नियम को बताकर कर्मचारियों को सर्विस ब्रेक का फरमान सुनाया जा रहा है वो आज प्रासंगिक नहीं है। तब परिस्थितियां अलग थीं। वातावरण अलग था। आज तो पूरा प्रदेश अपने हक के लिए धरने पर बैठा है। दरअसल अफसर कर्मचारी संगठनों को डी ए और एच आर ए जैसे सामान्य मुद्दों में उलझा कर रखना चाहते हैं। चंद्राकर ने कहा- एक तरफ तो कांग्रेस 4 तारीख को महंगाई के विरोध में धरना प्रदर्शन करने वाली है और दूसरी तरफ महंगाई भत्ता का जायज हक मांग रहे कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन से रोक रहे हैं। बीते लगभग 10 दिनों से हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों और अधिकारियों के विरुद्ध सरकार ने तेवर कड़ा कर लिया है। सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने हड़तालियों का वेतन काटने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही विभागों को हड़तालियों के विरुद्ध सर्विस ब्रेक सहित नियमानुसार अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। महंगाई भत्ता (डीए) और गृह भाड़ा (एचआरए) की मांग को लेकर राज्य के चार लाख से ज्यादा कर्मचारी- अधिकारी 22 अगस्त से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा, अगर कर्मचारी 2 सितम्बर तक भी काम पर लौट आए तो उनका वेतन नहीं काटा जाएगा। हड़ताल अवधि को अवकाश मानकर पूरा वेतन दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग की उप सचिव मेरी खेस्स ने मंगलवार को एक नया परिपत्र जारी किया। सभी विभागाध्यक्ष, राजस्व मंडल, सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टर को जारी परिपत्र में हड़ताल से संबंधित निर्देश हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से कहा गया है कि शासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल बहुत से अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौटना चाहते हैं। विभाग ने ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों को उनके कार्यालय में पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है।