रायपुर : प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने
गंगाराम के पक्का मकान का सपना सच कर दिया और कच्ची मकान से जिन परेशानियों से
गंगाराम का परिवार गुजर था उन सभी परेशानियों से अब उन्हें निजात मिली है।
कोण्डागांव जिले के दूरस्थ विकासखण्ड बड़ेराजपुर से 12 कि.मी.
की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कोसमी के चनाभर्री जहां विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के
10 कमार परिवार निवासरत हैं। ग्राम पंचायत कोसमी अन्तर्गत
चनाभर्री बसाहट वनग्राम में आता है, जो जंगल से लगा हुआ है।
इन परिवारों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं वनोपज पर आधारित हैं, जिससे वे अपना गुजर-बसर करते हैं। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय
महाअभियान (जनमन) अंतर्गत चनाभर्री को विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के बसाहट के रूप
में चिन्हाकित कर यहां निवासरत सभी 10 कमार परिवारों को
केंद्र एवं राज्य शासन की सभी योजनाओं से जोड़कर उन तक सभी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने
के लिए कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा सभी विभागों के समन्वित
प्रयासों से योजना के बेहतर क्रियान्वयन का प्रयास किया जा रहा है। चनाभर्री
निवासी श्री गंगाराम मरकाम उन्हीं विशेष पिछड़ी जनजाति कमार परिवारों में से एक हैं,
जिन्हें जनमन योजनान्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का
आवास का लाभ मिला है। गंगाराम आज पक्का आवास पाकर बहुत खुश हैं और इससे उनके जीवन
में एक बदलाव की शुरुआत हुई है।
गंगाराम
का परिवार का झोपड़ी में बीत रहा था जीवन
आर्थिक
कठिनाइयों से जूझ रहे गंगाराम का परिवार पहले कच्चा झोपड़ीनुमा मकान में रहकर
गुजर-बसर करते था। जो लकड़ी और छत में प्लास्टिक को डाल कर बनाए थे। गंगाराम अपनी
पत्नी और माता-पिता के साथ रहते हैं और उनके माता-पिता वृद्ध हो चुके हैं। गंगाराम
घर चलाने के लिए बांस से विभिन्न प्रकार के घरेलु उपयोग के परम्परागत समान बनाते
हैं और इस कार्य में उनकी पत्नी गंगाराम का हाथ बटाती है। गंगाराम अपनी पत्नी के
साथ मिलकर वनोपज का भी संग्रहण करते हैं, जिसमें चार-चिरोंजी, महुआ आदि शामिल
हैं। इन उत्पादों को गंगाराम विश्रामपुरी बाजार में बेचने के लिए लाते हैं और इससे
जो आय प्राप्त होता है, उससे घर की छोटी-मोटी जरूरतों को
पूरा करते हैं। गंगाराम बताते हैं कि इससे उनके परिवार का गुजारा बड़े ही मुश्किल
से हो पाता है। जंगल से लगे होने के कारण उनके परिवार को 0सांप,
बिच्छू और अन्य वन्यजीवों सेे खतरों का भी सामना करना पड़ता था।
गंगाराम बरसात के दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि बरसात के मौसम में झोपड़ी से
पानी टपकता था, जो हमारे परिवार के लिए एक बड़ी समस्या थी,
क्योंकि छत से पानी टपके से झोपड़ी में पानी भर जाता था, इससे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली चीजे ख़राब हो जाती थी और इससे
गंगाराम के परिवार को कई तरह से मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। बरसात के मौसम
में तेज बारिश और तेज धुप से घर के छत में लगाए गए प्लास्टिक ख़राब हो जाती थी तब
गंगाराम के मन में पक्का मकान का ख्याल आता था पर आय के सीमित साधन होने के कारण
गंगाराम के लिए पक्का मकान बनाना एक सपना जैसा था।
जनमन
योजना से मिला पक्का मकान, गंगाराम का जीवन हुआ आसान
गंगाराम
को जनमन योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में आवास की स्वीकृति मिली। आवास स्वीकृति के पश्चात
श्री गंगाराम का अपने स्वयं का पक्का मकान बनाने की उम्मीद पूरा होते दिखाई दी एवं
प्रथम किश्त की राशि मिलते ही सपने को पूरा करने की दिशा मिल गई, जिसके पश्चात जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर के
तकनीकी मार्गदर्शन के आधार पर आवास निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। कार्य की
प्रगति के आधार पर किश्त की राशि प्राप्त होता गया, वैसे-वैसे
कार्य के स्तर बढ़ते-बढ़ते आज पूर्ण कर उनके सपनों का घर बन कर तैयार हो गया। शासन
से प्राप्त मनरेगा अंतर्गत 90 दिवस मजदूरी की राशि 23
हजार 850 एवं आवास की अनुदान राशि 02 लाख सहित कुल 02 लाख 23 हजार 850
रुपए राशि का सदुपयोग करते हुए गंगाराम द्वारा समयबद्ध तरीके से
आवास निर्माण का कार्य पूर्ण किया गया। चूंकि आय कम होने के कारण घर का गुजारा बड़े
ही मुश्किल से हो पाता था, उस स्थिति में स्वयं का पक्का
मकान निर्माण कराया जाना किसी सपने से कम नहीं था।
चनाभर्री
निवासी श्री गंगाराम का परिवार जो पहले कच्चे झोपड़ी में रहते थे, आज अपने पक्के मकान में रहकर
सुरक्षित और सुकूनभरा जीवन जी रहा हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही गंगाराम
को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन भी मिला है, जिससे उनका रसोई धुंआमुक्त हुआ है और धुंए से होने वाले दुष्प्रभाव से भी
मुक्ति मिली है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से गंगाराम और उनका परिवार का जीवन
पहले से बेहतर और आसान हुआ है। उन्होेंने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया।