भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 32 हजार एकड़ सरकारी जमीन का लैंडबैंक (Land Bank) तैयार किया गया है। औद्योगिक इकाइयों व सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अब राजस्व
सर्वे कराने की जरूरत नहीं है। भोपाल में उपलब्ध सरकारी जमीनों की जानकारी सिंगल
क्लिक में मिलेगी।
भोपाल में सरकारी जमीनों का ऑनलाइन लैंड बैंक (Online Land
Bank) बनाने की कवायद 12 साल पहले शुरू की गई थी।
भोपाल में कुल 32 हजार एकड़ सरकारी जमीनें उपलब्ध हैं। 22,250
एकड़ भूमि ऐसी है, जिसका एरिया एक एकड़ से अधिक
है। जबकि, एक एकड़ से क्षेत्रफल वाली सरकारी जमीन 9490
हैं।
भोपाल लैंडबैंक से जुड़े जरूरी
तथ्य
लैंडबैंक में खाली सरकारी जमीन का ऑनलाइन रिकार्ड
तैयार किया गया है। कलर कोडिंग के जरिए सरकारी जमीनें चिन्हित की गई हैं। इनका
रिकॉर्ड भी ऑनलाइन किया गया है। जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी ने साफ्टवेयर बनाया है।
आरआई और पटवारियों को अपने-अपने हल्के में खाली पड़ी
सरकारी जमीनों की जानकारी एक्सेल सीट बनाकर गूगल मैप से अटैच कर अपलोड की है।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, जमीनों का रिकार्ड मेंटेन करने लैंड बैंक बनाया गया है। इससे सरकारी भूमि
की जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी।
अवैध कब्जों से मिलेगी मुक्ति
भोपाल की सरकारी जमीनों पर झुग्गी माफिया सहित अन्य लोग अवैध
निर्माण कर लेते हैं। पक्का निर्माण हटाने में कई बार परेशानी होती है। जमीन के
अभाव में सरकारी प्रोजेक्ट भी सालों अटके रहते हैं। यह समस्या सुलझाने के लिए
ऑनलाइन साफ्टवेयर लैंड बैंक (Land Bank) बनाया गया है। इसकी
मदद से क्लिक पर पूरा डेटा मिल जाएगा।
ऐसे शुरू हुई कवायद
मुख्य सचिव ने तत्कालीन कलेक्टर से सरकारी जमीनों की जानकारी मांगी
थी। तुरंत जानकारी न मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई। साथ ही कलेक्टर ने ऑनलाइन
लैंड बैंक बनाकर समस्त जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। दूसरे ही दिन एप बनाकर
जानकारी एकत्रित करने का काम शुरू किया गया। लैंड बैंक बनाया गया है।