December 09, 2023


अपनी बात सीधी साफ : आखिर छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस की हार क्यूं …?

महेश गोयन प्रधान सम्पादक

रायपुर : छत्तीसगढ़ मे विगत 15 वर्षों से काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को 2018 के विधानसभा चुनाव मे करारी शिकस्त देकर पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल करने मे कांग्रेस सफल रही। सरकार बनने के बाद प्रदेश के मुखिया के रुप मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कमान संभाली और छत्तीसगढ़िया संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान दिलवाया, कई नए जिले बनाए,कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ नाना प्रकार के जतन कर प्रदेश वासियों को लाभ दिलाने या यूं कहूं कि लुभाने के लिए मानो प्रतीत होता नजर भी आ रहा था, जिसके चलते कांग्रेस सरकार एक बार फिर सत्ता हासिल करने मे कामयाब हो जाएगी|

इस वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव मे फिर एक बार सरकार ने कई घोषणाएं की किंतु मुख्य रूप से किसानों को ध्यान मे रखते हुए किसानों के लिए पुन: कर्ज माफी कि घोषणा की जिससे कहीं न कहीं विपक्ष मे बैठी भाजपा भी घबरा गई और जनता भी अनुमान लगा रही थी एक मौका कांग्रेस को फिर से मिल रही है सरकार बनाने के लिए लेकिन कहते हैं न अति का अंत निश्चित होता है। अति का अर्थ समझ ही गए होंगे। यदि आप रायपुर या रायपुर के आसपास के जिले मे रहते हैं।

आखिर ऐसा क्या हुआ जो इतनी लुभावने घोषणाओं के बाद भी प्रदेश वासियों ने महज पांच वर्षों मे ही सत्ता मे काबिज कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका वैसे कारण तो कई हो सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है घोषणाओं के साथ साथ थोड़ी अपराध और अपराधियों पर भी नकेल कसने का काम करते तो अच्छा होता...

कांग्रेस सरकार केकार्यकाल में घटी कवर्धा की घटना जनता से छुपी तो है नही जो कि राष्ट्रीय स्तर कि घटना बन गई थी। रीजनल मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया के लिए बड़ी और खास खबर थी। रायपुर राजधानी भी इसकी चपेट मे था। शायद यही कारण होगा कि प्रदेश वासियों ने सत्ता परिवर्तन करना ही बेहतर समझा वैसे मेरी नजरों मे तो चोर चोर मोसेरे भाई ही नजर आते हैं। खैर छोड़ो अब जनता जनार्दन भी भलीभांति जान गई है। किसको कब तक झेलना है। क्योंकि राजा का बेटा ही राजा नही होगा.... अब राजा वही होगा जो प्रजा का हित और प्रदेश का विकास करेगा।


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