रायपुर| गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में आरक्षण के मुद्दे पर नारेबाजी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा, इस मामले में भाजपा राजनीति कर रही है। बाबा साहब आम्बेडकर को तो सब मानते हैं ना, उन्होंने जो व्यवस्था बनाई है वही मैंने लागू किया। अगर जनगणना में एक प्रतिशत ज्यादा आए, दो प्रतिशत आए या फिर 10 प्रतिशत आए मैं दूंगा। यह बात मैं विधानसभा में भी बोल चुका हूं। सभा में नारेबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा के जो शीर्ष नेता हैं यहां छत्तीसगढ़ में वे मुख्यमंत्री को मुसवा, कुकुर, बिलई बोलते हैं, उसके बारे में कुछ बोलेंगे भारतीय जनता पार्टी के लोग। वहां आयोजक दु:खी हुआ कि मैंने आपको निमंत्रित किया और इस प्रकार से लोग नारेबाजी कर रहे हैं यह बहुत खराब लगा। उन्होंने खेद व्यक्त किया। जब मैं बोलने खड़ा हुआ तो चार-पांच लड़के खड़े हुए। मैंने उनको बुलाया भी कि आ जाओ यहां बात कर लेते हैं। दुनिया की कोई भी समस्या हो बातचीत से हल होती है। आपके पास कोई बात है तो आ जाओ बैठकर बात करते हैं। मैंने उन्हें मंच पर सादर आमंत्रित किया। वे नहीं माने तो क्या बोला मैं- मैं बोला कि शाम को जिस प्रकार से आवाज आती है उसी प्रकार की आवाज आ रही है। मैंने कहा कि आप हुल्लड़ करना चाहते हो, समस्या का हल नहीं चाहते। मुख्यमंत्री ने कहा, अपनी बात अगर रखनी है तो भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में 50 से अधिक विधानसभा में मैं जा चुका हूं। सबके हाथ में माइक पहुंचता है। आरक्षण का सवाल कई बार उठाया गया। महासमुंद गया तो बहुत सारे एससी समाज के लोग सामाजिक रूप से मिलने आये तब या सार्वजनिक रूप से माइक में बात कही, मैंने भी अपनी बात रखी। बाबा साहब आम्बेडकर को तो सब मानते हैं ना, उन्होंने जो व्यवस्था बनाई है वही मैंने लागू किया। अगर जनगणना में एक प्रतिशत ज्यादा आए, दो प्रतिशत आए या फिर 10 प्रतिशत आए मैं दूंगा। यह बात मैं विधानसभा में भी बोल चुका हूं। यह सब कुछ भाजपा के इशारे पर हो रहा है। हमको पता है कि ऐसा क्यों कराया जा रहा है। भाजपा आरक्षण के विरोध में है। राजभवन को इन लोगों ने राजनीति का अड्डा बना रखा है। आदिवासियों को आरक्षण का लाभ मिलना था, नहीं मिल पा रहा है, पिछड़े वर्गों को नहीं मिल पा रहा है, 13% अनुसूचित जाति का बढ़ा दिया है उसको नहीं मिलने दे रहे हैं। EWS का 4% आरक्षण नहीं मिलने दे रहे हैं। दो तारीख से विधेयक पारित है आज 20 तारीख हो गया क्यों नहीं करने दे रहे हैं। आज हाईकोर्ट से भर्ती का आदेश आ गया, यह किसका नुकसान हो रहा है। यहां के छात्र-छात्राआें को, युवाओं को नुकसान हो रहा है। ये लोग इसे राजनीति का अखाड़ा बनाकर रखे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो भी खनिज का रायल्टी है वह राज्य सरकार को मिलता है। यह पूरे देश में सिद्धांत है। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने सारे कोल माइंस निरस्त कर दिये थे। जो प्राइवेट प्लेयर्स हैं उनपर पेनाल्टी लगाया गया था, यह 295 रुपया प्रति टन के हिसाब से था। वह राशि करीब 4140 करोड़ रुपए का है। भारत सरकार को अनेक बार पत्र लिखे। कोयला मंत्री रायपुर आए थे तो उन्होंने इसको लौटाने की सैद्धांतिक सहमति भी दी। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में नीति आयोग की बैठक हुई। निर्मला सीतारमण ने जो राज्य के वित्त मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, उसमें सहित अनेक मंचों पर हमने यह बात उठाई। उसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। भारत सरकार के साथ हमने अनेक पत्राचार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। रायल्टी हो या रायल्टी में पेनाल्टी यह राज्य सरकार का हक है। इसे देना ही चाहिए। इसीलिये मैं कहता हूं कि केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सभा में पत्थरबाजी के आरोपों पर तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा, अजय चंद्राकर के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। वो कितना भी कर लें कभी नेता प्रतिपक्ष नहीं बन सकते। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नहीं बन सकते। अब गये तो भीड़ नहीं आ रही है, कोई मीडिया में कवरेज नहीं मिल रहा है तो इस तरह का अनर्गल प्रलाप करना शुरू कर दिया है। मतलब मुझे अजय चंद्राकर से इसकी उम्मीद नहीं थी कि वे इतना नीचे भी उतर जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अब तक वे कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे थे। अब खुद सिमटते जा रहे हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तीनों में खरीद-फरोख्त से उनकी सरकार बनी है। अब बच गए गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, नार्थ-ईस्ट के कुछ राज्य। बस इतने में सिमट गई भारतीय जनता पार्टी जो खुद कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रही थी। जनता जान चुकी है। कांग्रेस ने उत्तर भारत में खाता खोल लिया है। पहाड़ में हमारी सरकार बन गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर भारत जोड़ो यात्रा रोकने को कहा है। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए देशहित में यह जरूरी होगा। इससे जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कोरोना फैलेगा तो निश्चित रूप से यात्रा प्रभावित होगी। लेकिन जब नहीं है तो ये लोग निश्चित रूप से यात्रा को रोकने का बहाना क्यों ढूंढ रहे हैं। जब कोरोना था तो पश्चिम बंगाल में चुनाव कराये, असम में चुनाव कराये, उत्तर प्रदेश में चुनाव कराये। अब पदयात्रा को रोकने का नया बहाना लेकर आए हैं।