June 07, 2022


सृष्टि की रचना जल से हुई है इसलिए जल को बर्बाद करना पाप

ग्रीन आर्मी द्वारा पर्यावरण संरक्षण में धर्म का योगदान विषय पर आयोजित की गयी परिचर्चा में वक्ताओं ने रखे विचार

रायपुर। पर्यावरण को संरक्षित को लेकर ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर द्वारा पर्यावरण दिवस पर राजधानी रायपुर स्थित आनंद समाज वाचनालय ब्राम्हण पारा में परिचर्चा का आयोजन किया। परिचर्चा में सभी धर्मों के लोगों ने विचार रखे। मंच संचालन लक्ष्य चौरे, श्रीमति हरदीप कौर और श्रीमति रात्रि लहरी ने किया। शपथ अधिकारी के रूप में पी.के साहू उपस्थित रहे। 

गौसेवा आयोग के अध्यक्ष व दुधाधारी मठ के मंहत राम सुन्दर दास ने बताया कि हिन्दू धर्म में प्रकृति के विभिन्न रूपों को देवी देवताओं तुल्य माना गया है। जीवन पांच तत्वों से पृथ्वी, अग्नी, आकाश वायु, जल से मिलकर बना है। अत: धर्मनुसार भी पर्यावरण संरक्षण नितांत आवश्यक है। पीपल और बरगद के वृक्ष जो कि 24 घंटे आक्सीजन प्रदान करते हैं उन्हें साक्षात भगवान का रूप माना गया है।

मुस्लिम धर्म से आये नुमान अकरम ने कहा कि हरे रंग का विशेष महत्व है जो कि हरयाली का प्रतीक है। सृष्टि की रचना जल से हुई है इसलिए जल को बर्बाद करना पाप है। प्राकृतिक संसाधनों को व्यर्थ में उपयोंग करना वर्जित है। हवा पानी को शुद्ध रखना चाहीये।  

सिख धर्म से मनमोहन सिंह ने कहा कि वृक्ष, नदी, पर्वत, समुद्र, आदि को ईश्वर का रूप माना गया है। इसका विनाश सर्वनाश के समान है।

इसाई धर्म के प्रतिनिधि अनुराग सिंह ने कहा कि बाईबल में वृक्षों का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। मनुष्य को प्रकृति के साथ अन्य जीवों की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। पर्यावरण में अनेक जीव जन्तु रहते है इसकी सुरक्षा मनुष्य की जिम्मेदारी है।

परिचर्चा में संस्था सदस्यों के साथ देने जेसीआई रायपुर वामांजली से उषा तिवारी, दुर्गा महाविद्यालय से श्रीमति सुनिता संचोरिया, गुरूकुल महाविधालय कालीबाडी से प्रोफेसर श्रीमति रात्रि लहरी, छात्र-छात्रायें तथा अग्रसेन महाविधालय पुरानी बस्ती से प्रोफेसर दीपिका अवधिया के साथ महाविधालय के छात्र-छात्राये भारी संख्या में उपस्थित रहे। संस्था अध्यक्ष एन.आर. नायडू ने उपस्थित सदस्यों को ग्रीन आर्मी द्वारा विगत 5 वर्षों में किये गये कार्योंे की जानकारी प्रदान की गई। 


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