भोपाल : मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में
मजदूरों के हित के लिये प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर की हुकुमचंद मिल और
उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और
प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री
ने कहा कि 30-40 साल से बंद
पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार
से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को
ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर
का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन
और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपने
बीच पाकर जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन अभिभूत हो गए। सभी ने पुष्पाहारों से
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। साथ ही कहा पहली बार कोई मुख्यमंत्री
हमारी दुख-तकलीफ सुनने जेसी मिल तक आया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि जेसी मिल पर
लंबित हमारी वर्षों पुरानी देनदारियों का भुगतान हो जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा
मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जेसी मिल श्रमिकों की ओर से मुख्यमंत्री डॉ.
यादव के प्रति आभार जताया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी
मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं
समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना
पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों
की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों
के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की
जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप
में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर
काम कर रही है।
ग्वालियर में आईटी इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ
के आईटी विशेषज्ञ युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाइयों को विशेष
बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि
प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही
है। उज्जैन, ग्वालियर,
जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री
कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को
नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा
रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद
फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के
लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित
करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश
में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर
औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर
मिल रहे हैं।